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________________ सतं-८, वग्गो - ,सत्तंसत्तं- , उद्देसो-२ नाणाइं, तिण्णि अण्णाणाई भयणाए। तस्स अलद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी अन्नाणी? गोयमा! तस्स अलद्धिया नत्थि। सम्मइंसणलद्धियाणं पंच नाणाई भयणाए। तस्स अलद्धियाणं तिण्णि अण्णाणाई भयणाए। मिच्छादसणलद्धिया णं भंते!. पुच्छा। तिणि अण्णाणाई भयणाए। तस्स अलद्धियाणं पंच नाणाई, तिण्णि य अण्णाणाई भयणाए। सम्मामिच्छादंसणलद्धिया अलद्धिया य जहा मिच्छादंसणलद्धी अलद्धी तहेव भाणियव्वं। चरितलद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी, अण्णाणी? गोयमा! पंच नाणाई भयणाए। तस्स अलद्धियाणं मणपज्जवनाणवज्जाइं चत्तारि नाणाई, तिन्नि य अन्नाणाई भयणाए। सामाइयचरित्तलद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी, अन्नाणी? गोयमा! नाणी, केवलवज्जाई चत्तारि नाणाई भयणाए। तस्स अलद्धियाणं पंच नाणाइं तिण्णि य अण्णाणाई भयणाए। एवं जहा सामाइयचरित्तलद्धिया अलखिया य भणिया एवं जाव अहक्खायचरितलद्धिया अलद्धिया य भाणियव्वा, नवरं अहक्खायचरित्तलद्धियाणं पंच नाणाई भयणाए। चरित्ताचरित्तलद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी, अण्णाणी? गोयमा! नाणी, नो अण्णाणी। अत्थगतिया दुण्णाणी, अत्थेगतिया तिण्णाणी। जे दुन्नाणी ते आभिणिबोहियनाणी य, सुयनाणी य। जे तिन्नाणी ते आभि० सुतना० ओहिनाणी य। तस्स अलद्धीयाण पंच नाणाई, तिणि अण्णाणाई भयणाए। दाणलद्धियाणं पंच नाणाई, तिण्णि अण्णाणाई भयणाए। तस्स अलद्धीया णं. पुच्छा। गोयमा! नाणी, नो अण्णाणी, नियमं ए| एगनाणी-केवलनाणी। एवं जाव वीरियस्स लद्धी अलद्धी य भाणियव्वा। बालवीरियलद्धियाणं तिण्णि नाणाई तिण्णि अण्णाणाई भयणाए। तस्स अलद्धियाणं पंच नाणाई भयणाए। पंडियवीरियलद्धियाणं पंच नाणाई भयणाए। तस्स अलद्धियाणं मणपज्जवनाणवज्जाइं णाणाई, अण्णाणाणि तिण्णि य भयणाए। बालपंडियवीरियलद्धिया णं भंते! जीवा.? तिण्णि नाणाई भयणाए। तस्स अलद्धियाणं पंच नाणाइं, तिण्णि अण्णाणाइं भयणाए। इंदियलद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी, अण्णाणी? गोयमा! चत्तारि णाणाइं, तिण्णि अन्नाणाई भयणाए। तस्स अलद्धिया णं. पुच्छा। गोयमा! नाणी, नो अण्णाणी नियम ए। एगनाणी-केवलनाणी। सोइंदियलद्धियाणं जहा इंदियलद्धिया। तस्स अलद्धिया णं. पुच्छा। गोयमा! नाणी वि अण्णाणी वि। जे नाणी ते अत्थेगतिया दुन्नाणी, अत्थेगतिया एगन्नाणी। जे दन्नाणी ते आभिणिबोहियनाणी सुयनाणी। जे एगनाणी ते केवलनाणी। जे अण्णाणी ते नियमा दुअन्नाणी, तं जहा-मइअण्णाणी य, सुतअण्णाणी य। [दीपरत्नसागर संशोधितः] [155] [५-भगवई
SR No.003709
Book TitleAgam 05 Bhagavai Panchamam Angsuttam Mulam PDF File
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages565
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size5 MB
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