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सतं - ७, वग्गो, सत्तंसत्तं-, उद्देसो-३
सेकेणट्ठेणं भंते ! एवं वुच्चति जाव नो तं वेदेंति ? गोतमा ! कम्मं वेदेंति, नोकम्मं निज्जरेंति । से तेणट्ठेणं गोयमा ! जाव नो तं वेदेंति । एवं नेरइया वे जाव वेमाणिया ।
से नूणं भंते! जं वेदिस्संति तं निज्जरिस्संति? जं निज्जरिस्संति तं वेदिस्संति ? गोयमा ! णो
इणट्ठे समट्ठे ।
से केणट्ठेणं जाव `णो तं वेदिस्संति' ? गोयमा ! कम्मं वेदिस्संति, नोकम्मं निज्रिस्संति। से तेणट्ठेणं जाव नो तं निज्जरि (वेदि) स्संति। एवं नेरतिया वि जाव वेमाणिया ।
सेणूणं भंते! जे वेदणासमए से निज्जरासमए, जे निज्जरासमए से वेदणासमए ? गोयमा !
नो इणट्ठे समट्ठे।
से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चति जे वेदणासमए न से णिज्जरासमए, जे निज्जरासमए न से वेदणासमए? गोयमा ! जं समयं वेदेंति नो तं समयं निज्जरेंति, जं समयं निज्जरेंति नो तं समयं वेदेंति; अन्नम्म समए वेदेंति, अन्नम्मि समए निज्जरेंति; अन्ने से वेदणासमए, अन्ने से निज्जरासमए । से तेणट्ठेणं जाव न से वेदणासमए ।
नेरतियाणं भंते! जे वेदणासमए से निज्जरासमए? जे निज्जरासमए से वेदणासमए ? गोयमा !
णो इणट्ठे समट्ठे।
से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चइ `नेरइयाणं जे वेदणासमए न से निज्जरासमए, जे निज्जरासमए न से वेदणासमए ?' गोयमा ! नेरइया णं जं समयं वेदेंति णो तं समयं निज्जरेंति, जं समयं निज्जरेंति नो तं समयं वेदेंति; अन्नम्मि समए वेदेंति, अन्नम्मि समए निज्जरेंति; अन्ने से वेदणासमए, अन्ने से निज्जरासमए । से तेणट्ठेणं जाव न से वेदणासमए ।
एवं जाव वेमाणियाणं ।
[ ३५० ] नेरतिया भंते! किं सासया, असासया ? गोयमा! सिय सासया, सिय असासया । से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चइ `नेरतिया सिय सासया, सिय असासया'? गोयमा! अव्वोच्छित्तिनयट्ठताए सासया, वोच्छित्तिणयट्ठयाए असासया । से तेणट्ठेणं जाव सिय असासया । एवं जाव वेमाणियाणं जाव सिय असासया ।
सेवं भंते! सेवं भंते त्ति ।
* सत्तम सए तइओ उद्देसो समत्तो*
० चत्थो उद्देसो ०
[३५१] रायगिहे नगरे जाव एवं वदासी
कतिविहा णं भंते! संसारसमावन्नगा जीवा पण्णत्ता? गोयमा ! छव्विहा संसारसमावन्नगा जीवा पण्णत्ता, तं जहा - पुढविकाइया एवं जहा जीवाभिगमे जाव सम्मत्तकिरियं वा मिच्छत्तकिरियं वा ।
सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति।
[३५२]
[दीपरत्नसागर संशोधितः ]
जीवा छव्विह पुढवी जीवाण ठिती भवट्ठितिकाये । निल्लेवण अणगारे किरिया सम्मत्त मिच्छत्ता ||
* सत्तम सए चउत्थो उद्देसो समत्तो*
[127]
[५-भगवई