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________________ सतं-७, वग्गो- ,सत्तंसतं- , उद्देसो-३ गोतमा! मूला मूलजीवफुडा जाव बीया बीयजीवफुडा। जति णं भंते! मूला मूलजीवफुडा जाव बीया बीयजीवफुडा, कम्हा णं भंते। वणस्सतिकाइया आहारेंति? कम्हा परिणामेंति? गोयमा! मूला मूलजीवफुडा पुढविजीवपडिबद्धा तम्हा आहारेंति, तम्हा परिणामेंति। कंदा कंदजीवफुडा मूलजीवपडिबद्धा तम्हा आहारेंति, तम्हा परिणामेंति। एवं जाव बीया बीयजीवफुडा फलजीवपडिबद्धा तम्हा आहारेंति, तम्हा परिणामेंति। [३४७] अह भंते ! आलुए मूलए सिंगबेरे हिरिली सिरिली सिस्सिरिली किठ्ठिया छिरिया छीरविरालिया कण्हकंदे वज्जकंदे सूरणकंदे खिलूडे भद्दमुत्था पिंडहलिद्दा लोही णीहू थीहू थिभगा मुग्गकण्णी अस्सकण्णी सीहकण्णी सीहंढी मुसुंढी, जे यावन्ने तहप्पगारा सव्वे ते अणंतजीवा विविहसत्ता? हंता, गोयमा! आलुए मूलए जाव अणंतजीवा विविहसत्ता। [३४८]सिय भंते! कण्हलेसे नेरतिए अप्पकम्मतराए, नीललेसे नेरतिए महाकम्मतराए? हंता, गोयमा! सिया।से केणठेणं भंते एवं बुच्चति कण्हलेसे नेरतिए अप्पकम्मतराए, नीललेसे नेरतिए महाकम्मतराए'? गोयमा! ठितिं पडुच्च, से तेणठेणं गोयमा! जाव महाकम्मतराए। सिय भंते! नीललेसे नेरतिए अप्पकम्मतराए, काउलेसे नेरतिए महाकम्मतराए? हंता, सिया। से केणठेणं भंते! एवं वुच्चति नीललेसे अप्पकम्मतराए, काउलेसे नेरतिए महाकम्मतराए? गोयमा! ठितिं पडुच्च, से तेणठेणं गोयमा जाव महाकम्मतराए। एवं असुरकुमारे वि, नवरं तेउलेसा अब्भहिया। एवं जाव वेमाणिया, जस्स जति लेसाओ तस्स तति भाणियव्वाओ। जोतिसियस्स न भण्णति। जाव सिय भंते! पम्हलेसे वेमाणिए अप्पकम्मतराए, सुक्कलेसे वेमाणिए महाकम्मतराए? हंता, सिया। से केणठेणं. सेसं जहा नेरइयस्स जाव महाकम्मतराए। [३४९Jसे नूणं भंते! जा वेदणा सा निज्जरा? जा निज्जरा सा वेदणा? गोयमा! णो इणठे समठे। से केणढेणं भंते ! एवं वुच्चइ जा वेयणा न सा निज्जरा, जा निज्जरा न सा वेयणा? गोयमा! कम्मं वेदणा, णोकम्मं निज्जरा। से तेणठेणं गोयमा! जाव न सा वेदणा। नेरतियाणं भंते! जाव वेदणा सा निज्जरा? जा निज्जरा सा वेदणा? गोयमा! णो इणठे समठे। से केणढेणं भंते! एवं वुच्चति वेरइयाणं जा वेदणा न सा निज्जरा, जा निज्जरा न सा वेयणा? गोतमा! नेरइयाणं कम्मं वेदणा, णोकम्म निज्जरा। से तेणठेणं गोतमा! जाव न सा वेयणा। एवं जाव वेमाणियाणं। से नूणं भंते! जं वेटेंसु तं निज्जरिंसु? जं निज्जरिंसु तं वेटेंसु? णो इणढे समठे। से केणठेणं भंते! एवं वुच्चति 'जं वेदेंसु नो तं निज्जरेंसु, जं निज्जरेंसु नो तं वेदेंसु'? गोयमा! कम्मं वेटेंसु, नोकम्मं निज्जरिंसु, से तेणढेणं गोयमा! जाव नो तं वेदेंसु। नेरतिया णं भंते! जं वेदेंसु तं निज्जरिं? एवं नेरइया वि। एवं जाव वेमाणिया। से नूणं भंते! जं वेदेति तं निज्जरिंति, जं निज्जरेंति तं वेदेति? गोयमा नो इणठे समठे। [दीपरत्नसागर संशोधितः] [126] [५-भगवई]
SR No.003709
Book TitleAgam 05 Bhagavai Panchamam Angsuttam Mulam PDF File
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages565
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size5 MB
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