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.... ३३४
सप्तमी श्राश्रव नावना विषे...... .... आश्रय दोषे करी नर्कनां पुःख पामनार कुंमरीकनो प्रबंध ३३४ अष्टमी संवर नावना विषे
......... ३३५ क्रोम सोना मोहोर अने रुपवती कन्यानो अनादर करी सं___ वरना सेवणहार श्रीवज्रखामीनो प्रबंध ... .... ३३६ संवरहार आदरनार पुंडरीकनो प्रबंध नवमी निर्जरा लावना विषे .... ....
२. ... ......... ... ..... ३३० दशमी लोक नावना विषे .... .... एकादश बोधि श्रने छादश धर्म नावना विषे
.... .... ३३॥ धर्म नावनाथी सुख संपदा पामनार संप्रतिराजानो प्रबंध ३३॥ रागविषे हेष विषे ..... .... .... .... .... .... .... संतोष विषे .... विवेक विषे .... निर्वेद विषे .... निर्वेदे करी संयम लेनार नर्तृहरी राजानो प्रबंध ... ३४५
आत्मबोध विषे धर्म, अर्थ, काम अने मोद, ए चारे वर्ग- टुंकामां वर्णन ३४७ धमे वर्ग .... .... .... .... .... .... .... .... २७ धमेना दश नद .... .... .... .... .... .... २००
३४त अर्थ वगे .... .... .... .... .... .... .... ३०ए काम वग.... .... .... .... .... .... .... .... २४ए मोद वर्ग.... .... .....
.... ......... .... .... .... .... ३५० ग्रंथ समाप्ति विष .... .... .... .... .... ....
३५० प्रशस्ति काव्यो .... प्रशस्ति काव्योनो टुंक नावार्थ .... .
३५०
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... ३५२
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