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________________ ॥ मोक्ष वर्ग ॥ मोक्षार्थ विषे कर्म विषे क्षमा विषे .... **** G 1440 क्षमागुण प्रदरनार विषे क्षमागुणे करी मोक्षपद पामनार खंधक सूरीना पांचसें शिष्य ने क्षमा नही धरवाथी दुःखनी परंपरा पामनार खंधक सूरीनो प्रबंध .... Jain Educationa International क्षमा यादरवाथी मोक्षपद पामनार दृढप्रहारीनो प्रबंध मागुणे सिवसुख मेलवनार कूरगमु साधुनो प्रबंध मागुण वडे मेतार्य मुनिए मोह मेलव्यानो प्रबंध संयम विषे चारित्रनी लब्धिए करें | सिंहादिक पशुने बोध पमानार .... .... एकत्त्व जावना उपर नमीराजानो प्रबंध पंचम अन्यत्व जावना विषे .... ... For Personal and Private Use Only बलदेव सुनिनो प्रबंध ३१८ द्वादश जावना - प्रथम अनित्य जावना विषे.... नित्य जावना-संसार स्वरूप उपर जीखारीनो दृष्टांत नित्य जावना कायानी माया तजनार जरत चक्रवर्त्तिनो प्रबंध३१६ द्वितीय अशरण जावना विषे अशरण जावना - धर्मनुं शरण करनार खनायी मुनिनो प्रबंध ३१९ तृतीय संसार जावना विषे मंगु आचार्यनो प्रबंध चतुर्थ ऐकत्व जावना विषे ३२१ ... 08.0 .... **** .... .... .... .... २८ IUG IUU ३०० ३०० .... षष्ट शूचि जावना विषे कायानी शुचिताई जाणी तेनो मोह बांडी चारित्र लेनार सनत्कुमार चक्रवर्त्तिनो प्रबंध .... .... ३०१ ३०४ ३०५ ३०७ ३१२ ३१३ ३१४ ३१५ ३२२ ३२३ ३२४ ३३० ३३० ३३१ www.jainelibrary.org
SR No.003685
Book TitleSuktavali yane Suktmuktavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1911
Total Pages368
LanguageGujarati
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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