________________
alien
मात पीछे की दीवार के खुरदरे मध्यवर्ती स्थान पर तीर्थंकर महावीर के पहले पार्श्वनाथ की मूर्ति स्थित है। उक्त २४ तीर्थकरों मे से आठ तीर्थकरों की मूर्तियाँ पत्थर को काटकर खड़गासन तथा कायोत्सर्ग में उत्कीर्णित की गई हैं। शेष पद्मासन में हैं। खड़गासन मूर्तियों में आदिनाथ तीर्थकर त्र-षभनाथ की मूर्ति सब से बड़ी है। कमरे के पीछे की दीवाल के पास कारीगरी द्वारा एक प्रकार के रासायनिक मिश्रण से बदली गई त्र-षभदेव की तीन कायोत्सर्ग प्रतिमायों की शिल्प कारीगरी अपेक्षाकृत अच्छी है। इन तीनों के सिर छोटा कर विकृत कर दिया गया है। १०. अम्बिका गुम्फा :
महावीर गुम्फा से बांई ओर से तिरछा तथा गोलाकार जाने पर क्रूरता पूर्वक तोड़ कर नष्ट की गई अनेक गुंफाओं में से केवल वे ही गुम्फाएँ शेष बची रहीं; जो अत्यधिक ऊँचाई विद्यमान थीं। अम्बिका गुम्फा भी उन में से एक है। इसे काटकर समतल बनाया
A
आदि तीर्थंकर त्र-षभनाथ
ARTHATANTRA
कवि अम्बिका गुफा में उत्कीर्णित त्र-षभदेव और अम्बिका
दावा
११०
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org