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________________ xiii XV xix xx xxi 1-10 विषय सूची समर्पण कान्ति और पवन मरडिया प्रकाशकीय डा. सागरमल जैन हिन्दी संस्करण का आमुख के. वी. मरडिया अनुवादकीय एन. एल. जैन प्राक्कथन (अंग्रेजी का प्रथम संस्करण) ____ पॉल मारैट आमुख द्वितीय अंग्रेजी संस्करण के. वी. मरडिया आमुख प्रथम अंग्रेजी संस्करण के. वी. मरडिया विशेष आभार प्रदर्शन मूल पारिभाषिक (जैन) शब्द विषय सूची अध्याय 1. जैन और जैन धर्म 1.1 विषय प्रवेश 1.2 जैन धर्म के कुछ प्रमुख सिद्धान्त 1.3 स्वतःसिद्ध अवधारणात्मक उपगमन 1.4 पारिभाषिक शब्दावली अध्याय 2. आत्मा और कर्म-पुद्गलों का सिद्धान्त (स्वतःसिद्ध अवधारणा 1) 2.1 स्वतःसिद्ध अवधारणा 1 2.2 जैनों की मूलभूत धारणायें 2.2.1 आत्मा 2.2.2 कार्मन कण और कर्म-पुद्गल 2.2.3 आत्मा और कर्म की अन्योन्यक्रिया 2.3. पारिभाषिक शब्दावली 2.3.1 कर्मबंध की प्रक्रिया 2.3.2 कार्मिक घनत्व 2.3.3 दीर्घकालिक साम्य की अवस्था 2.3.4 नव तत्त्व 2.4. महत्त्वपूर्ण सदृशतायें 11-23 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003667
Book TitleJain Dharm ki Vaignanik Adharshila
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanti V Maradia
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2002
Total Pages192
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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