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शान्त सुधारस )
प्रवचन : १९ संसार भावना - ३
: सकलना
* संसार-भावना की नौ बातें * मोहशत्रु का सताना - संसार को डरावना समझना • देवगति के दुःख - सारे रिश्ते फिजूल * अठारह नाते - संसार में कदम-कदम पर परेशानी - संपत्ति में गर्व, दरिद्रता से दीन . कर्मपरवशता . जनम-जनम में नये-नये रूप
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