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शान्त सुधारस)
प्रवचन : ११ अनित्य भावना - ४
: संकलना : • सर्वं क्षणिकम् । • एक साधु को चक्रवर्ती का सुख भा
गया धर्म का अवमूल्यनः धर्मप्राप्ति नहीं द्रौपदी को पाँच पति क्यों ? वैषयिक सुखों का आकर्षण संबंधों की निःसारता
धन-लक्ष्मी की अस्थिरता • लक्ष्मी का संचय नहीं करें
एक सम्राट, एक धनपति नरकगति की वेदनायें उपसंहार
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