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________________ ८३८ द्वितीये सूत्रकृतांगे द्वितीयश्रुतस्कंधे चतुर्थाध्ययनं. अथ द्वितीयश्रुतस्कंधे चतुर्थाध्ययनप्रारंभः हवे चोयुं प्रत्याख्यान क्रियानामा अध्ययन प्रारंनियें बैयें. त्रीजा अध्ययनमां या हार यी कर्मबंध थाय. एम कह्यो ते कर्मबंध पञ्चरकाण करवायी टली जायबे, ते कारण माटे चोथुं अध्ययन प्रत्याख्यान क्रिया नामें कहियें ढैयें. सुयं मेानसंतेणं जगवया एवमस्कायं इद खलु पञ्चरका किरियाणा मयणे तस्सणं प्रयमठे पत्ते या प्रपञ्चकाणीयावि नवति ॥ यया किरिया कसलेयावि जवति च्याया मिचा संवियावि नवति या एतदयावि नवति यया एगंतबालेयावि नवति यया ए गंतसुत्तेयावि भवति यया अवियारमणवयणकायवक्केयावि नवति प्राया पडियञ्प्रपञ्चकायपावकम्मेयावि नवति एस खलु भगव ता प्रकार संजते प्रविरते पडियपञ्चस्काय पावकम्मे सकिरिए असं एतदमे एगंतवाले एगंतसुत्ते सेवाले व्यवियारमणवय एका rah सुविमवि ण परसति पावेयसे कम्मे कइ ॥ १ ॥ ( संतेां के० ) अर्थ- सुधर्म स्वामी जंबूस्वामि प्रत्यें कहेबे के, (सुर्यमे के० ) में एम सांनसुंबे. युष्मन् ( नगवयाएवमरकार्य के० ) नगवंत श्री महावीरदेव तीर्थकर तेणें एम कयुंबे. ( इहखलुपञ्चरका ण किरियाणामयणे के० ) ए प्रवचनने विषे खलु ए वाक्यालंकारे प्रत्याख्यानक्रिया नामें अध्ययन, ( तस्सा महेपस ते के० ) तेनो ए अर्थ जे यागल कहेशे, ते कहेबे, (यायाध पञ्चरका लिया विनवति के० ) ए आत्मा जीव मिथ्यात्व, अविरति, प्रमाद, कषाय, घने योग सहित स्वनावें रह्यो को, प्रत्याख्यानी होय. यपि शब्द यकी तेहीज खात्मा, कोई एक रूडां कां रण थकी पञ्चरकाणी पण होय. (छायाा किरिया कुसलेया विनवति के ० ) ए खात्मा रूडा अनुष्ठानें रहित पण होय. अपि शब्द थकी रूडा धनुष्ठानें सहित पण दोय, तथा (छाया मिठासंठिया विनवति के० ) ए श्रात्मा मिथ्यात्वें संस्थित पण होय, अने यपि शब्द की मिथ्यात्व थकी रहित पण होय, ( छायाएंगंतदमेया विनवति के ० ) एात्मा एकांते प्राणीउने दंमनो करनार पण होय, तथा ( धायाएगंत बाजेया विनव ति के० ) एात्मा एकांत बाल पण होय, (छायाएंगंतसुत्तेया विनवति के० ) तथा 0 Jain Education International For Private Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003652
Book TitleAgam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1880
Total Pages1050
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size42 MB
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