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अर्थ,
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अज्ञानतिमिरनास्कर. टपकावाला मींढा ये सर्व त्वाष्टा देवताके वास्ते यज्ञमें वध करे जाते है.
१५. इस यझके करने से यह लोकमें तथा परलोकमें सुखमिलता है.
१६. ब्रह्म देवताके वास्ते ब्राह्मणकानी यज्ञ होता है. १७. अगरह पशुकानी यज्ञ होता है.
यजुर्वेदके ब्राह्मणकी अनुक्रमणिका देखीये तो नाना प्रकारके यझोंकी विधि मालुम होती है. तिसमेंसें कितनेक प्रकरण नीचे लिखे जाते है।
संस्कृत नाम, १ सौत्रामणी १ मदिरका यज्ञ २ सुराग्रह मंत्र २ मदिरे पीरोका मंत्र ३ ऐ३ पशु ३ इंश देवताके वास्ते बकरेका
वध करणा ४ गोसव
४ गायका यज्ञ ५ अत्युर्याम ५ एक किसमके यज्ञका नाम ६ वायवीय श्वेत पशु ६ वायुदेवताके वास्ते बकरेका वध ७ काम्य पश
म नोरथ पूरण करने वास्ते पशु यज्ञ G वत्सोपाकरणं G वमेका वध करणा यज्ञ ए पौर्णमासेष्टि ए पूनिमके दिनमें करनेका यज्ञ १० नक्षत्रेष्टि १७ नक्षत्रदेवताके वास्ते बकरेका यज्ञ ११ पुरष यज्ञ ११ मनुष्यका यज्ञ १२ वैष्णव पशु १२ विष्णुदेवताके वास्ते बकरेका यज्ञ १३ ऐंशन पशु १३ ६६ अनि देवताके वास्ते
बकरेका यज्ञ १४ सावित्र पशु १४ सूर्यदेवताके वास्ते बकरेका वध
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