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प्रथमखम. १५ अश्वमेध १५ घोमेका यज्ञ १६ रोहितादिपश्वालं ननं १६ लाल बकरा वगैरे पशुयोंका या १७ अष्टादश पशुवि- १७ अगरह पशुका यज्ञ
धान १७ चातुर्मास पशु १७ चातुर्मासनामा यज्ञमें बकरेका वध १ए एकादशीन १ए इग्यारे पशुका यज्ञ
पशुविधान २० ग्रामारण्य २० गाम तथा जंगलके
पशुप्रशंसा पशुयोंका यज्ञ २१ नपाकरण मंत्र १ पशुका संस्कार मंत्र २२ गव्यपशुविधान २२ गायका यज्ञ २३ सत्र
२३ बहुत दिनतक चले सो यज्ञ शव ऋषन्नालंनन श्व बलद मारनेको विधि
विधान २५ अश्वालंन मंत्र २५ घोमे मारनेका मंत्र २६ अश्वसंझपनं ६ घोमेके मारनेकी विधि २७ अश्व मनुष्य ७ घोमा, मनुष्य, बकरा, गौ इन सर्वके
जागो पशु प्रशंसा यज्ञकी विधि श् आदित्यदेवताक २० सूर्यदेवताके वास्ते पशु यज्ञ
पशु श्ए सामसव श्ए सोमदेवताके वास्ते यज्ञ ३० बृहस्पतिसव ३० बृहस्पति देवताका यज्ञ
नपर प्रमाणे अनेक यज्ञ याग इष्टि मख क्रतु उत्तरक्रतु सव इत्यादि अनेक प्रकारके याग वेदमें बतलाये है. तिन सर्वमें हिंसा पशुवध और मांसन्नकण प्राप्त होता है.
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