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थेल्लाँ
अरह मुघल येजहू भगवन् निम्बा कलुत्तधम्
आदि ।
पलवे ॥१॥
अवर्णो वर्तते लोके शब्दानांप्रथमो यया । तयादि भगवानस्ति पुराणपुरुषोत्तमः ||१||
'अ' जिस प्रकार शब्दलोक का आदि वर्ण है, ठीक उसी प्रकार आदि भगवान् आदिनाथ पुराण- पुरुषों में आदिपुरुष हैं ।
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