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६ - जम्बेश्वर गुम्फा अभिलेख
" महामदस बारियाय नाकियस लेनं” अर्थात " महामद नाकिय और बारिया का गुम्फा" ।
तब प्रधानमंत्री को महामद कहा जाता था । बारिया संभवतः उनकी पत्नी थी ।
७- छोट हाथीगुम्फा अभिलेख
-स लेनं" अर्थात "
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के आद्य अंश दुष्पाठ्य है ।
८- अनंतगुम्फा अभिलेख
" दोहद समणानं लेनं” अर्थात " दोहद श्रमणों का गुम्फा"
ये वर्ण
९- ततोवा गुम्फा अभिलेख
- का गुम्फा" [ इस अभिलेख
अनंतगुम्फा के बरामदे में एक पत्थर पर चार वर्ण हैं [ ? ]. दुष्पाठ्य हैं।
गुम्फा नं. १ - पादमूलिकस कुसुमस लेण नि [ ? ]
इस अभिलेख का संपूर्ण अर्थ बतापाना कठिन है, क्यों कि अंतिम वर्ण पढ़ा नहीं जाता। " पादमूलिक" संभवतः राजा के व्यक्तिगत सेवक हैं। जिनका नाम "कुसुम" था । कोशल के किरारी काष्ठस्तंभ अभिलेख में भी यही पदवी उत्कीर्णित हुई है, यह उल्लेखनीय है । गुम्फा नं २ - इस गुम्फा के भीतर दीवार पर ब्राह्मी लिपि के कुछ वर्ण हैं। संभवतः परवर्ती काल में किसी शिष्य ने अध्ययन के लिए इन्हें उत्कीर्णित किया था । ये खारवेळ के परवर्ती काल के वर्ण हैं।
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