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अनुमान है अभिलेख में वर्णित “कुमार वडुख" खारवेळ के वंशज एक राजकुमार थे । वे किस राजा के पुत्र थे और वे कब सिंहासनासीन हुए, तथ्यों के अभाव से कह पाना संभव नहीं है ।
३. सर्पगुम्फा अभिलेख
क- चूल कंमस कोठा जेया च ( चि. १२)
चूलकम्म का अर्थ है " उप-कर्म सचिव । इस अभिलेख का भावानुवाद होगा " चूलकम्म का अभेद्य आवास प्रकोष्ठ "।
ख
इस अभिलेख की प्रतिच्छवि इतना अस्पष्ट है कि सठीक पाठ करपाना हमारे लिए संभव नहीं है । परन्तु डॉ. साहू ने इसे
" कंमस कोठा च खिणाय च पसादो”
और श्री बेनर्जी ने
" कंमस हलखि
णाय च पसादो"
बताया है. ।
४. हरिदास गुम्फा अभिलेख
" चूलकंमस पसातो कोठा जेया च" - जिसका अर्थ " चुलकंम का अभेद्य उपासना और आवास प्रकोष्ठ " होगा ।"
५- व्याघ्रगुम्फा अभिलेख
नगर अखंदस सभूतिनो लेणं
अर्थात- नगर विचारपति भूति का गुम्फा । श्री बेनर्जी ने विचारपति का नाम सभूति या सुभूति बताया है । लगता है वह, ग्रहणयोग्य नहीं है। द्वितीय पंक्ति का वर्ण "स" प्रथम पंक्ति का अंतिम वर्ण के रूप में भी है। यह अर्थ की दृष्टि से आवश्यक है। इसका संशोधित पाठ होगा
आद्य
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नगर अखंदसस भूतिनो लेणं
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