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२. मंचपुरी गुम्फा अभिलेख - निचला खण्ड क--ऐरस महाराजस कलिंगाधिपतिनो महामेघवाहनस कुदेपसिरिनो लेणं [1]
भावानुवादः यह गुम्फा कलिंगाधिपति महाराज आर्य महा मेघवाहन कुदेपसिरि का है
श्री बेनर्जी ने “ऐरस” को “खरस" और "कुदेपसिरि" को “कुडेपसिरि" के रूप में पाठोद्धार किया है। पर अभिलेख की प्रतिच्छवि और उसे स्वयं क्षेत्र पर देखने के पश्चात लगता है श्री बेनर्जी का पाठोद्धार ग्रहणीय नहीं है। राजा कुदेपसिरि के बारे में कोई सविशेष विवरण प्राप्त नहीं होता। संभवत: वे खारवेळ के परवर्ती राजा थे।
ख--कुमारो वडुखस लेणं भावानुवाद- कुमार बडुख का गुफा।
डॉ. नवीन कुमार साहू ने इस अभिलेख का पाठ "कुमार वडुखस लेनं" के रूप में किया है। पर वह तर्क -संगत नहीं है। "र" और "न" वर्गों पर स्पष्ट आड़ी रेखा हैं जिससे वे ब्राह्मी लिपि के अनुसार “रो' और 'ण" होंगे। ब्राह्मी लिपि में इन वणों के स्वरूप दर्शाते हुए एक चित्र-फलक प्रदत्त है :
जामीलिपि में
र-1, न-1,-T, ण= I, नो- होगा नो का एक अन्य रूप
भी है
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