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________________ बेनुपूर्वी कालानुपूर्वी Jain Education International अनौपनिधिकी औपनिधिको अथवा अनौपनिधिकी औपनिधिकी अ पूर्वानुपूर्वी १. अधोलोक क्षेत्रानुपूर्वी पश्चानुपूर्वी अनानुपूर्वी पांचवां प्रकरण १५५-१९५ सूत्र १५५ - १९५. क्षेत्रानुपूर्वी भेद-प्रभेद अनौपनिधि की द्रव्यानुपूर्वी की तरह पूर्वानुपूर्वी पश्चानुपूर्वी अनापूर्वी पूर्वानुपूर्वी पश्चानुपूर्वी पूर्वानुपूर्वी - २. मध्य लोक क्षेत्रानुपूर्वी पश्चानुपूर्वी अनानुपूर्वी इसके भेद-प्रभेद पूर्वानुपूर्वी २. पश्चानुपूर्वी ३. अनानुपूर्वी ३. ऊर्ध्वलोक क्षेत्रानुपूर्वी पश्चानुपूर्वी अनानुपूर्वी - - - - पूर्वानुपूर्वी पश्चानुपूर्वी - अनानुपूर्वी - १. अधोलोक २. तिर्यग्लोक ३. ऊर्ध्वलोक १. ऊर्ध्वलोक २ तिर्यग्लोक ३. अधोलोक (१x२x३ - २) ४ रत्नप्रभा से तमस्तम प्रभा तक तमस्तमः प्रभा से रत्नप्रभा तक एक से उतरोत्तर वृद्धि श्रेढि गुणनफल में दो जम्बूद्वीप से स्वयंभूरमण समुद्र तक अनौपनिधिकी द्रव्यानुपूर्वी के तुल्य एकप्रदेशावगाढ से लेकर असंख्यप्रदेशावगाढ तक असंख्य प्रदेशावगाढ से लेकर एकप्रदेशावगाढ तक (ढि गुणनफल २) विन्यास संभव एक से उत्तरोत्तर वृद्धि श्रेढि गुणनफल में दो न्यून सौधर्म से ईषत्प्राग्भारा पृथ्वी तक ईषत्प्राग्भारा पृथ्वी से सौधर्म तक (श्रेढि गुणनफल-२) विन्यास छठा प्रकरण १९६-२४५ सूत्र १९६-२२५. कालानुपूर्वी समय से लेकर सर्वाद्धा तक पदों का उपन्यास सर्व अद्धा से लेकर समय तक पदों का उपन्यास (श्रेढि गुणनफल-२) जितने विन्यास एक समय स्थिति से असंख्यात समय स्थिति तक असंख्यात समय स्थिति से एक समय स्थिति तक (ढि गुणनफल - २) जितने विन्यास न्यून For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003627
Book TitleAgam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Anuogdaraim Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages470
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_anuyogdwar
File Size24 MB
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