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पर्वानपर्वी--
१. ऋषभ से क्रमश: वर्द्धमान तक का क्रम
सूत्र २२६-२४५ उत्कीर्तन, गणना, संस्थान, सामाचारी एवं भाव आनुपूर्वी
नाम
पूर्वानुपूर्वी---
१. ऋषभ से क्रमश: वर्द्धमान तक का क्रम
स्थापन
| पश्चानुपूर्वी- २. वर्द्धमान से क्रमश: ऋषभ तक का क्रम
द्रव्य
अनानुपूर्वी -- ३. (श्रेढि गुणनफल-२) जितने क्रम विन्यास
क्षेत्र
काल
पूर्वानुपूर्वी-एक से दस अरब तक का क्रमश: गणना क्रम
६. उत्कीर्तन
७. गणना
पश्चानुपूर्वी-दस अरब से एक तक क्रमश: गणनाक्रम अनानुपूर्वी- (इनका ही श्रेढि गुणफल में दो न्यून)
से प्राप्त राशि जितने क्रम विन्यास ।
आनुपूर्वी
८. संस्थान
९. सामाचारी
पर्वानपर्वी- समचतुरस्र संस्थान से क्रमश: हुण्ड संस्थान तक का क्रम विन्यास पश्चानुपूर्वी---- हुण्ड से समचतुरस्र तक का क्रम विन्यास अनानुपूर्वी--- इनके श्रेढि गुणनफल में दो न्यून से प्राप्त.राशि जितने क्रम विन्यास
१०. भाव
पूर्वानुपूर्वी - इच्छाकार सामाचारी से क्रमश: उपसम्पदा सामाचारी तक का क्रम विन्या पश्चानुपूर्वी- उपसम्पदा से इच्छाकार तक का क्रम विन्यास अमानुपूर्वी- इनके श्रेढि गुणनफल में दो न्यून से प्राप्त राशि जितने क्रम विन्यास
पूर्वानपूर्वी-
औदयिक भाव से क्रमश: सान्निपातिक भाव तक का क्रम विन्यास
पश्चा नपर्वी- सान्निपातिक भाव से क्रमश: औदयिक भाव का क्रम विन्यास
अनानपर्वी-
इनके श्रेढिगुणनफल में दो न्यन से प्राप्त राशि जितने क्रम विन्यास
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