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प्रथम अनुयोगद्वा
उपक्रम
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अनुयोगद्वार
उपक्रम
आनुपूर्वी
के निक्षेप
अथवा ६. प्रकार
नुपूर्वी
नाम
स्थापना
द्रव्य
क्षेत्र
काल
6.
भाव
१. आनुपूर्वी
नाम
प्रमाण
वक्तव्यता
अर्थाधिकार
समवतार
सूत्र १०५-१५४ द्रव्यानुपूर्वी
१. आगमतः
२. नोआगमतः
चौथा प्रकरण १००-१५४
सूत्र १००-१०४ उपक्रम और आनुपूर्वी के प्रकार
३. तद् व्यतिरिक्त
१.
२.
३. भंगोपदर्शन
. ४.
भंगसमुत्कीर्तना
पूर्वपूर्वी - परमाणु पुगल, दो प्रदेशी, तीन प्रदेशी, चार प्रदेशी.... संख्य..... असंख्य प्रदेशी, अनन्त प्रदेशी
परमाणु
पश्चानुपूर्वी अनन्त प्रदेशी.... असंख्य प्रदेशी संख्य प्रदेशी.... दश प्रदेशी.... अनानुपूर्वी प्रारम्भ में एक एवं उत्तरोत्तर एक-एक वृद्धि वाली अनन्त समुदाय वाली श्रेणी को परस्पर गुणन करने पर जो प्राप्त होता है, उससे दो (आदि और अन्त)
कमवाली संख्या जितनी ।
समवतार
५. अनुगम
नैगम व्यवहार से विचार
संग्रह से विचार
अर्थपद प्ररूपणा
२. औपनिधिकी
४.
५.
६. उत्कीर्तन
३. क्षेत्र
अनौपनिधिक ४. स्पर्शन
५. काल
६. अन्तर
नाम आनुपूर्वी स्थापना आनुपूर्वी द्रव्य आनुपूर्वी
७. गणना ८. संस्थान
९. सामाचारी १०. भाव
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१. सत्पदप्ररूपणा
द्रव्य प्रमाण
७.
भाग ८. भाव
पूर्वी
आनुपूर्वी
अनु
अवक्तव्यक
१. अर्थ पद प्ररूपण
२. भंग समुत्कीर्तन
3. भंगोपदर्शन
४.समवतार
अनुगम
५.
१. सत्पदप्ररूपणा
२. द्रव्यप्रमाण
३. क्षेत्र
४. स्पर्शन
५. काल
६. अन्तर
७. भाग ८. भाव अल्पबहुत्व
पूर्वानुपूर्वी १. धर्मास्तिकाय २. अधर्मास्तिकाय ३. आकाशास्तिकाय ४. जीवास्तिकाय ५. पुद्रलास्तिकाय ६. अद्धीसमय पश्चानुपूर्वी १. अद्वासमय २. पुद्गलास्तिकाय ३. जीवास्तिकाय
४. आकाशस्तिकाय ५. अधर्मास्तिकाय ६. धर्मास्तिकाय अनानुपुर्वी (१x२ ३x४ x ५ x ६ ) = ७२० (७२०- २) - ७१८ उपरोक्त से भिन्न इन छ: समुदाय के ७१८ क्रम बनते है । "वह अनानुपूर्वा है।
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