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तीसरा प्रकरण ७४-९९ सूत्र ७४-९९ - आवश्यक के अधिकार, अध्ययन एवं सामायिक पर अनुयोगद्वारों का प्रयोग एवं प्रथम अनुयोगद्वार उपक्रम
१. सावद्य योग विरति २. उत्कीर्तन
३. गुणवान की प्रतिपत्ति-सम्मान, आदर ४. स्खलित की निंदा
व्रण चिकित्सा
__6अध्ययन के सारांश
(अर्थाधिकार)
६.
गुण-धारणा
आवश्यक
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अध्ययन के नाम
नाम उपक्रम
प्रथम अध्ययन पर चार द्वारों का प्रयोग
ज्ञशरीर द्रव्य उपक्रम
१. सामायिक
स्थापना उपक्रम
१.उपक्रम
भव्यशरीर उपक्रम
आगमत: द्रव्य उपक्रम नोआगमत: द्रव्य उपक्रम
२. चतुर्विंशतिस्तव
द्रव्य उपक्रम
ज्ञशरीर भव्यशरीर व्यतिरिक्त
२. निक्षेप
३. वंदना
क्षेत्र उपक्रम
३. अनुगम
काल उपक्रम
आगमत: भाव उपक्रम
परिकर्म
४. प्रतिक्रमण
दुपद
४/नय
भाव उपक्रम
५. कायोत्सर्ग
सचित्त
चतुष्पद
नोअगमत: भाव उपक्रम
अप्रशस्त | प्रशस्त
| अचित्त
वस्तु-विनाश परिकर्म वस्तु-विनाश परिकर्म वस्तु-विनाश
६. प्रत्याख्यान
अपद
| मिश्र
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