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अणुओगदाराई
४. पडिवक्खपएणं ५. पाहण्णयाए ४. प्रतिपक्षपदेन ५. प्राधान्येन ६. ६. अणाइसिद्धतेणं ७. नामेणं अनादिसिद्धान्तेन ७. नाम्ना ८. ८. अवयवेणं है. संजोगेणं १०. अवयवेन ९. संयोगेन १०. प्रमाणेन । पमाणेणं ॥
पद [आदि पद से होने वाला नाम, ४. प्रतिपक्ष पद से होने वाला नाम, ५. प्रधानता से होने वाला नाम, ५. अनादि सिद्धांत से होने वाला नाम, ७. नाम से होने वाला, ८. अबयव से होने वाला नाम, ९. संयोग से होने होने वाला नाम १०. प्रमाण से होने वाला नाम ।
३२०. से कि तं गोण्णे? गोण्णे
खमतीति खमणो, तवतीति तवणो, जलतीति जलणो, पवतीति पवणो। से तं गोण्णे ॥
अथ किं तद् गौणम् ? गौणम -क्षमते इति क्षमण: तपतीति, तपन:, ज्वलतीति ज्वलन:, पवतीति पवनः । तदेतद् गौणम् ।
३२०. वह गौण [गुण-निष्पन्न] नाम क्या है ?
गौण नाम क्षमा करता है इसलिए क्षमण है, तपता है इसलिए तपन है, जलता है इसलिए ज्वलन है और पावन करता है इसलिए पवन है। वह गौण नाम है।
३२१. से किं तं नोगोणे?नोगोण्णे-- अथ कि तद् नोगौणम ?
अकृतो सकुंतो, अमुग्गो समुग्गो, नोगौणम्-अकुन्तः शकुन्तः, अमुद्दो समुद्दो, अलालं पलालं, अमुद्गः समुद्गः, अमुद्रः समुद्रः, अकुलिया सकुलिया, नो पलं अलालं पलालम, अकुलिका सकुअसतीति पलासो, अमाइवाहए लिका, नो पलम अशतीति पलाशः, माइवाहए, अबीयवावए बीय- अमाइवाहक: माइवाहकः, अबीजवावावए, नो इंदं गोवयतीति इंद- पक: बीजवापकः, नो इंद्र गोपयतीति गोवए। से तं नोगोण्णे ॥ इंद्रगोपकः । तदेतद् नोगौणम् ।
३२१. वह नोगौण नाम क्या है ?
नोगौण नाम-कुन्त प्रहरण विशेष युक्त न होने पर भी पक्षी का नाम सकुन्त है ।
मुद्ग युक्त न होने पर भी पेटी का नाम समुद्ग है।
मुद्रा युक्त न होने पर भी सिन्धु का नाम समुद्र है।
लाला युक्त न होने पर भी चावल के भूसे का नाम पलाल है।
कुलिका युक्त न होने पर भी पक्षिणी का नाम सकुलिका है।
पल [मांस] न खाने पर भी ढाक के पेड़ का नाम पलाश है । ___ माइ [विभूति] को वहन करने वाला न होने पर भी एक कीट का नाम माइवाहक
बीजवापक न होने पर भी एक कीट का नाम बीजवापक है।
इन्द्र की रक्षा न करने पर भी एक कीट का नाम इन्द्रगोपक है। वह नोगौण नाम है।
३२२. से कितं आयाणपएणं? अथ किं तद् आदानपदेन?
आयाणपएणं-आवंती चाउरं- आदानपदेन -यावन्त: चतुरङ्गीयम गिज्जं असंखयं जण्णइज्जं पुरिस- असंस्कृतं यज्ञीयं पुरुषकीयम् एडकीयं इज्जं एलइज्जं वीरियं धम्मो वीर्य धर्मः मार्गः समवसरणं याथामग्गो समोसरणं आहत्तहीयं गंथे तथ्यं ग्रन्थः यमकीयम । तदेतद जमईयं । से तं आयाणपएणं ॥ आदानपदेन ।
३२२. वह आदानपद [आदि पद] से होने वाला नाम क्या है ?
आदान पद से होने वाला नाम----
आवंती-यावत्---आयारो का पांचवां अध्ययन ।
चाउरंगिज्ज--- चातुरंगीय-उत्तराध्ययन का तीसरा अध्ययन ।
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