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________________ १६८ समिया अचदंसणली, खओ यसमिया ओहिदेसनलडी, खओ वसमिया सम्मयंसणली, खओ यसमिया मिच्छादंसणली, खओ वसमिया सम्ममिच्छादंसणलद्धी; खओवसमिया सामाइयचरित्तलद्धी, शमिका अदर्शनला लावीप शमिका अवधिदर्शनलधिः क्षापोपशमिका सम्यग्दर्शनधिः क्षायोप शमिका मिध्यादर्शनल, क्षायोपशमिका सम्यग्मिथ्य । दर्शन लब्धिः ; क्षायोपशमिका सामायिकचरित्रलब्धि, सावकारान चरित्रलब्धिः क्षायोपशमिका परिहारविशुद्धिकचरिलब्धिः क्षायोपशमिका सूक्ष्मसंपरायचरित्रलब्धि:, आयोपशमिका चरित्राचरित्रसन्धि क्षायोपशमिका दानलब्धिः, क्षायोपशमिका लाभलब्धि:, क्षायोपशमिका भोगलव्धिः क्षायोपशमिका उपभोगलब्धिः, क्षायोपशमिका वीर्यलब्धिः; क्षायोपशमिका बालवीर्यसन्ध क्षायोपशमिका पण्डितल सायोपशमिका पण्डितबीलब्धिः क्षायोपशमिका श्रोत्रेन्द्रियलब्धिः क्षायोपशमिका चक्षुरिन्द्रियलव्धि', घ्राणेन्द्रियलब्धि, खओवसमिया क्षायोपशमिका दिली खओवसमिया ओवसमिया खओवसमिया खओवसमिए क्षायोपशमिका जिह्व ेन्द्रियलब्धिः दिली क्षायोपशमिका स्वर्णन्द्रियः जिम्मिलि क्षायोपशमिकः : आचारधरः, क्षायोपफासि दिली; शमिक: सूत्रकृतधरः, क्षायोपशमिकः आयारघरे, खओवसमिए सूयगड- क्षायोपशमिक: व्याख्याप्रज्ञप्तिधरः, स्थानधरः, क्षायोपशमिकः समवायधरः, धरे, खओवसमिए ठाणधरे, खओक्षायोपशमिक: ज्ञातधर्मकथाधरः, समिए समवत्यधरे समवसमिए क्षायोपशमिक उपासकदशाधरः, वियाहपण्णत्तिधरे, खओवसमिए क्षायोपशमिक: अंतकृतदशाधरः, नायाधम्मक हाधरे, खओवसमिए क्षायोपशमिक: अनुत्तरोपपातिकदशाउवासगदसाधरे, खओवसमिए धरः, क्षायोपशमिकः प्रश्नव्याकरणअंतगडदसाधरे, खओवसमिए घरः, क्षायोपशमिकः विपाकश्रतधरः, अणुतरोववाइयदसाधरे, समोवस क्षायोपशमिका दृष्टि मिए पहायागरणवरे, खओवसमिए क्षायोपशमिक नवपूर्वी सापोपविवागसुयधरे, खओवसमिए दिट्ठि- शमिकः दशपूर्वी, क्षायोपशमिक: वायघरे, खओवसमिए नवपुथ्वी, चतुर्दशपूर्वी क्षायोपशमिक मनी, खओवसमिए दसपुवी, खओवस- क्षायोपशमिक : वाचकः । स एष मिए चउद्दस पुण्वी खओवस मिए क्षयोपशमनिष्पन्नः स एव क्षायोप चउद्दसपुव्वी, गणी, खओवसमिए वायए से तं शमिक खओवसमनिष्फण्णे । से तं खओसमिए । । । ओवसमिया द्वावणचरित लढी, खओवसमिया परिहारविडियचरितली खभवसमिया हमसंपरायचरितलडी, लओसमिया चरितावरितलदी; खओवसमिया दाणलद्धी, खओयसमिया लाभली, खओवस मिया भोगलद्धी, खओवसमिया उवभोगलद्धी, खओवसमिया वोरियलद्धी; खओवसमिया बालवोरियलड़ी, खओवसमिया पंडिय वीरियलद्धी, खओवसमिया बालपंडियबोरिवली, खयवसमिया सोइंडियलड़ी, Jain Education International " " For Private & Personal Use Only अणुओगदाराई क्षायोपशमिकी मिथ्यादर्शनलब्धि, क्षायोपशमिकी सम्पकमध्यावधि समी सामायिकवारिधि, क्षायोपशमिकी मेदोपस्थापनचरित्रसन्धि क्षायोपशमिकी परिहारविशुद्धिकपालि क्षायोपश मिकी सूक्ष्मसंपरायचारित्रलब्धि, क्षायोपशमिश्री पारिषावारिधि क्षायोपशमिकी दानलब्धि, क्षायोपशमिकी लाभलब्धि, क्षायोपशमिकी भोगलब्धि क्षायोपशमिकी उपभोगलब्धि, क्षायोपशमिकी वीर्यलब्धि, क्षायोपशमिकी बालवीर्यलब्धि, क्षायोपशमिकी पण्डित - वीर्यलब्धि, क्षायोपशमिकी बालपण्डितवीर्यलब्धि, क्षायोपशमिक बोलब्धि आयोपशमिकी प्राणेन्द्रियन्धि क्षायोपश मिकी रसनेन्द्रियलब्धि क्षायोपशमिकी स्पर्शनेन्द्रियलब्धि | सायोनमिक आचारधर, क्षायोपशमिक सूत्रकृतधर, क्षायोपशमिक स्थानधर, क्षायोपशमिक समवायधर, क्षायोपशमिक व्याख्याप्रज्ञप्तिधर, क्षायोपशमिक ज्ञाताधर्म कथाधर, क्षायोपशमिक उपासकदशाधर, क्षायोपशमिक अन्तर क्षायोपशमिक अनुपा तिकदशाधर, क्षायोपशमिक प्रश्नव्याकरणघर योनमिक विपाकघर आवोपमिक दृष्टिवादपर क्षायोपशमिक नक्पूर्वी, क्षायोपशमिक दशपूर्वी क्षायोपशमिक चतुर्दशपूर्वी क्षायोपशमिक गणी, क्षायोपशमिक वाचक | वह क्षयोपशमनिष्पन्न है। वह क्षायोपशमिक है । 1 www.jainelibrary.org
SR No.003627
Book TitleAgam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Anuogdaraim Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages470
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_anuyogdwar
File Size24 MB
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