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________________ १६१ सातवां प्रकरण : सूत्र २५४-२६० २४. अविससिए अजीवदब्वे, विसे- २४. अविशेषितम् अजीवद्रव्यं, विशे- सिए धम्मत्थिकाए अधम्मत्थि- षितं धर्मास्तिकाय: अधर्मास्तिकाए आगासस्थिकाए पोग्गल कायः आकाशास्तिकायः पुद्त्थिकाए अद्धासमए य। गलास्तिकाय: अध्वासमयश्च । २४. अजीव द्रव्य अविशेषित नाम है। धर्मा स्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, आकाशास्तिकाय, पुद्गलास्तिकाय और अध्वासमय विशेषित नाम है। २५. अविसेसिए पोग्गलत्थिकाए, २५. अविशेषितं पुद्गलास्तिकायः, विसेसिए परमाणुपोग्गले दुपए- विशेषितं परमाणुपुद्गलः द्विप्रदेसिए तिपएसिए जाव अणंत- शिक: त्रिप्रदेशिकः यावद् अनन्तपएसिए य । से तं दुनामे। प्रदेशिकश्च । तदेतद् द्विनाम । २५. पुद्गलास्तिकाय अविशेषित नाम है। परमाणुपुद्गल, द्विप्रदेशिक, त्रिप्रदेशिक यावत् अनन्तप्रदेशिक स्कन्ध विशेषित नाम है । वह द्विनाम है। तिनाम-पदं त्रिनाम-पदम् २५५. से कि तं तिनामे ? तिनामे अथ किं तत् त्रिनाम ? त्रिनाम तिविहे पण्णत्ते, तं जहा-दव्वनामे त्रिविधं प्रज्ञप्तं तद्यथा-द्रव्यनाम गुणनामे पज्जवनामे ॥ गुणनाम पर्यवनाम। त्रिनाम-पद २५५. वह त्रिनाम क्या है ? त्रिनाम के तीन प्रकार प्रज्ञप्त हैं जैसेद्रव्य नाम, गुण नाम और पर्याय नाम । २५६. से कि तं दध्वनामे ? दब्वनामे अथ किं तद् द्रव्यनाम? द्रव्य- छविहे पण्णत्ते, तं जहा-धम्म- नाम षड्विधं प्रज्ञप्तं, तद्यथा-धर्मात्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगास- स्तिकायः अधर्मास्तिकाय: आकाशास्थिकाए जीवस्थिकाए पोग्गल- स्तिकायः जीवास्तिकायः पुद्गलात्थिकाए अद्धासमए। से तं दब्व- स्तिकाय: अध्वासमयः। तदेतद् नामे ॥ द्रव्यनाम । २५६. वह द्रव्य नाम क्या है ? द्रव्य नाम के छह प्रकार प्रज्ञप्त हैं, जैसेधर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, आकाशास्तिकाय, जीवास्तिकाय, पुद्गल।स्तिकाय और अध्वासमय । वह द्रव्य नाम है। २५७. से कि तं गुणनामे ? गुणनामे अथ कि तद् गुणनाम? गुणनाम पंचविहे पण्णते, तं जहा-वण्ण- पञ्चविधं प्रज्ञप्तं, तद्यथा-वर्णनाम नामे गंधनामे रसनामे फासनामे गंधनाम रसनाम स्पर्शनाम संस्थानसंठाणनामे॥ नाम । २५७. बह गुण नाम क्या है ? गुण नाम के पांच प्रकार प्रज्ञप्त हैं, जैसेवर्ण नाम, गन्ध नाम, रस नाम, स्पर्श नाम और संस्थान नाम। २५८. से कि तं वण्णनामे ? वणनामे अथ किं तद् वर्णनाम? वर्णनाम पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा-काल- पञ्चविधं प्रज्ञप्तं, तद्यथा कालवर्णवण्णनामे नीलवण्णनामे लोहिय- नाम नीलवर्णनाम लोहितवर्णनाम वण्णनामे हालिहवण्णनामे सूक्किल- हारिद्रवर्णनाम शुक्लवर्णनाम । तदेतद् वण्णनामे । से तं वण्णनामे ॥ वर्णनाम । २५८. वह वर्ण नाम क्या है ? वर्ण नाम के पांच प्रकार प्रज्ञप्त हैं, जैसेकृष्णवर्ण नाम, नीलवर्ण नाम, रक्तवर्ण नाम, पीतवर्ण नाम और श्वेतवर्ण नाम । वह वर्णनाम है। २५९. वह गन्ध नाम क्या है ? गन्ध नाम के दो प्रकार प्रज्ञप्त हैं, जैसेसुरभिगन्ध नाम और दुर्गन्ध नाम । वह गन्ध नाम है। २५६.से कि तं गंधनामे ? गंधनामे अथ कि तद् गंधनाम ? गंधनाम विहे पण्णत्ते, तं जहा सुब्भि- द्विविधं प्रज्ञप्तं, तद्यथा-सुरभिगंधगंधनामे य दुब्भिगंधनामे य। से नाम च दुरभिगंधनाम च। तदेतद् तं गंधनामे॥ गंधनाम । २६०. से कि तं रसनामे ? रसनामे अथ किं तद् रसनाम ? रस- पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा--तित्त- नाम पञ्चविधं प्रज्ञप्तं, तद्यथारसनामे कडुयरसनामे कसायरस- तिक्तरसनाम कटकरसनाम कषायरसनामे अंबिलरसनामे महररसनामे। नाम अम्लरसनाम मधुररसनाम। से तं रसनामे ॥ तदेतद् रसनाम। २६०. बह रस नाम क्या है ? रस नाम के पांच प्रकार प्रज्ञप्त हैं, जैसेतिक्तरस नाम, कटुकरस नाम, कषायरस नाम, अम्लरस नाम और मधुररस नाम वह रस नाम है। Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003627
Book TitleAgam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Anuogdaraim Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages470
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_anuyogdwar
File Size24 MB
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