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२३, २४, २५ असंसृष्ट और संसृष्ट का निरूपण तथा पश्चाद-कर्म का वर्जन
३६ संसृष्ट हस्त आदि से आहार लेने का निषेध |
३७ उद्गम के पन्द्रहवें दोष 'अनिसृष्ट' का वर्जन ।
३८ निसृष्ट भोजन लेने की विधि ।
३६ गर्भवती के लिए बनाया हुआ भोजन लेने का विधि-निषेध-- एषणा के छट्ठे दोष 'दायक' का वर्जन ४०, ४१ गर्भवती के हाथ से लेने का निषेध ।
४२,४३ स्तनपान कराती हुई स्त्री के हाथ से भिक्षा लेने का निषेध ।
४४ एषणा के पहले दोष 'शंकित' का वर्जन |
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१३ गमन की विधि ।
१४ अविधि-गमन का निषेध ।
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१५ शंका-स्थान के अवलोकन का निषेध |
१६ मंत्रणागृह के समीप जाने का निषेध ।
१७ प्रतिक्रुष्ट आदि कुलों से भिक्षा लेने का निषेध ।
१८ साणी ( चिक ) आदि को खोलने का विधि-निषेध |
१६ मल-मूत्र की बाधा को रोकने का निषेध |
२० अंधकारमय स्थान में भिक्षा लेने का निषेध ।
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२१ पुष्प, बीज आदि बिखरे हुए और अधुनोपलिप्त आंगण में जाने का निषेध - एषणा के नवें दोष- 'लिप्त ' का वर्जन ।
२२ मेष, वत्स आदि को लांघकर जाने का निषेध |
२३- २६ गृह प्रवेश के बाद अवलोकन, गमन और स्थान का विवेक I
२. ग्रहणपणा
भक्तपान लेने की विधि :
२७ आहार ग्रहण का विधि-निषेध ।
२८ एषणा के दसवें दोष 'छर्दित' का वर्जन ।
२६ जीव - विराधना करते हुए दाता से भिक्षा लेने का निषेध ।
३०,३१ एषणा के पाँचवें ( संहृत नामक ) और छट्टो ( दायक नामक ) दोष का वर्जन ।
३२ पुरः कर्म दोष का वर्जन
४५,४६ उद्गम के बारहवें दोष 'उद्भिन्न' का वर्जन ।
४७,४८ दानार्थ किया हुआ आहार लेने का निषेध ।
४६, ५० पुण्यार्थं किया हुआ आहार लेने का निषेध ।
दसवेआलियं (दशवेकालिक)
५१, ५२ वनीपक के लिए किया हुआ आहार लेने का निषेध ।
५३, ५४ श्रमण के लिए किया हुआ आहार लेने का निषेध ।
५५ औद्दे शिक आदि दोष युक्त आहार लेने का निषेध ।
५६ भोजन के उद्गम की परीक्षा-विधि और शुद्ध भोजन लेने का विधान ।
५७, ५८ एषणा के सातवें दोष उन्मिश्र का वर्जन ।
५९-६२ एषणा के तीसरे दोष 'निक्षिप्त' का वर्जन ।
६१,६४ दायक- दोष युक्त भिक्षा का निषेध |
६५,६६ अस्थिर शिला, काष्ठ आदि पर पैर रखकर जाने का निषेध और उसका कारण । ६७,६८,६ उद्गम के तेरह दोष 'मालापद्दत' का वर्जन और उसका कारण ।
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