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________________ २१ इम काल नील सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिकै ७ भांगा करिया । २८ इम काल लाल पील संघाते एक वचन बहुवचन करिकै ७ भांगा करिवा । ३५ इम काल लाल सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिकै ७ भांगा करिवा । ४२ इम काल पील सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिकै ७ भांगा करिया । ४९ इम नील लाल पील संघाते एक वचन बहुवचन करिकै ७ भांगा करिया । ५६ इम नील लाल सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिकै ७ भांगा करिवा । ६३ इम नील पील सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिकै ७ भांगा करिवा । ७० इम लाल पील सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिकै ७ भांगा करिया । २५ चतुष्कसंयोगे मांगा २५ ते कहै छं १ कालए १ नीलए १ लोहियए १ हालिद्दए १ २ कालए १ नीलए १ लोहियए १ हालिगा ३ [३] ११ लोहिया २ हालिए १ ४ कालए नीलना लोहियाए १ हानिए १ ५ कालगा नीलए लोहियए १ हालिए १० ० इम काल नील लाल सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिकै ५ भांगा करिवा । १५ इम काल नील पील सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिकै ५ भांगा करिया । २० इम काल लाल पील सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिकै ५ भांगा करिवा । २५ इम नील लाल पील सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिकै ५ भांगा करिया । पंचसंयोगे भांगो १ ते कहै - १ कालो नीलो लाल पीलो सुविकल हिवं गंध, रस, फर्श नां भांगा कहै - ६ गंध नां भांगा ६ पूर्ववत १४१ रस नां भांगा वर्ण नां भांगा नीं पर ३६ स्पर्श नां भांगा ३६ पूर्ववत एवं सर्व पंचप्रदेशिक बंध नां भांगा ३२४ हुया । गंध रस फर्श नां भांगा २१६. *गंध नां इकयोगिक दोय, द्विक संयोगे चिहुं होय । च्यार प्रदेशिया जिम जाण, पूर्ववत भंग पिछाण || *लय म्हारी सासू रो नाम छे फूली २७८ भगवती जोड़ Jain Education International २१६. गंधा जहा ठप्पएसियस्स । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003621
Book TitleBhagavati Jod 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages422
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size21 MB
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