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________________ हिव रत्न सक्कर थी ५ भांगा दूज विकल्प करि कहै छ ---- हिव रत्न सक्कर थी ५ भांग पंचमें विकल्प करि कहै छ | | र| स | वा| पं| ५ | त । तम | २२ | २ | २ | २ • २३ | ३ | २ | २| • १ • • १ • • • | • | १ | २ | • • • | २ . | २५ | ५ २ २ • • • • | १ | हिवं रल सक्कर थी ५ भांगा छठे विकल्प करि कहै छ - हिवं रत्न सक्कर थी ५ भांगा तीज विकल्प करि कहै छ - | २७ | २ | ३ | १ | १ • • • | हिवं रत्न सक्कर थी पांच भांगा चउथे विकल्प करि कहै छ - ए रत्न सक्कर थी ५ भांगा ६ विकल्प करि ३० भांगा कह्या । हिवं रत्न वालु थी ४ भांगा प्रथम विकल्प करि कहै छै ... ३१ १ १ रत्न, १ वालुक, ३ पंक ३२ २ १ रत्न, १ वालुक, ३ धूम RAL -tu ३ | १ रत्न, १ वालुक, ३ तम १८ | ३ | १ | ३ | | १६ | ४| १ | ३ | . | १ | • • . . . . | ३४ ४ १ रत्न, १ वालुक, ३ तमतमा हिवै रत्न वालु थी ४ भांग दूज विकल्प करि कहै छै ३५ १ १ रत्न, २ वालुक, २पंक १ रत्न, २ वालुक, २ धूम ३७, ३ १ रत्न, २ वालुक, २ तम ४ १रल, २ वालुक, २ तमतमा ८२ भगवती-जोड़ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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