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________________ हिवै रत्न पंक थी ३ भांगा दूजै विकल्प करि कहे छ --- हि रत्न बालु थी ४ भांगा तीज विकल्प करि कहै छ ---- ३६ १ | २ रत्न, १ वालुक, २ पंक १ १ रत्न, २ पंक २ धूम ४० २ २ रत्न, १ वालुक, २ धूम २ | १ रत्न २ पंक, २ तम | २ रत्न, १ वालुक, २ तम | १ रत्न,२पंक, २ तमतमा हिवं रत्न पंक थी ३ भांगा तीज विकल्प करि कहै छ ४२ ४ २ रत्न. १ वालुक, २ तमतमा हिवं रत्न वालु थी ४ भांगा चौथे विकल्प करि कहै छ - २ रल, १पंक, २ धूम २ रत्न, १पंक, २ तम १ रत्न, ३ वालुक, १ पंक ४४ २ | १ रत्न, ३ वा लुक, १ धूम ३ २ रल, १ पंक, २ तमतमा हिव रत्न पंक थी ३ मांगा चउथे विकल्प करि कहै छै १ रत्न, ३ वालुक, १ तम ६४ ४ १ रत्न, ३ वालुक १ तमतमा १ रत्न, ३ पंक, १ धूम हिवै रत्न वालु थी ४ भांगा पंचमे विकल्प कर कहै छ-- १ रत्न, ३ पंक, १ तम २ रत्न, २ वालुक, १ पंक ३ | १ रत्न, ३ पंक, १तमतमा ए | २ रत्न, २ वालुक, १ धूम हिवरल पंक थी ३ भांग पंचमें विकल्प करि कहै छ २ रत्न, २ वालुक, १ तम ६७ १ | २ रत्न, २ पंक, १ धूम . " २ रत्न, २ पंक, १ तम २ रत्न, २ वालुक १ तमतमा हिवं रत्न वालु थी ४ भांगा छठे विकल्प करि कहै छ २ रत्न, २५क, १ तमतमा ३ रत्न, १ वालुक, १ पंक हिवं रल पंक थी ३ भांगा छठे विकल्प कर कहै छै - ३ रत्न, १ वालुक, १ धूम ३ रत्न, १ पंक, १ धूम ३ | ३ रत्न, १ वालुक, १ तम da ३ रन, १ पंक, १ तम ४ ३ रत्न, १ वालुक, १ तमतमा ७२ ३ | ३ रत्न, १ पंक, १ तमतमा ए रल पंक थी ३ भांगा ६ विकल्प करि १८ भांगा कह्या । ए रत्न वालु थी ४ भांगा ६ विकल्प करि २४ भांगा कह्या। हिवं रत्न पंक थी तीन भांगा, ते छ विकल्प करि १८ भांगा हुवै । तिहां रत्न पंक थी ३ भांगा प्रथम विकल करि कहै छ हिवं रत्न धूम थी २ भांगा ते छह विकल्प करि १२ भांगा हुवे । तिहां रत्न धूम थी २ भांगा प्रथम विकल्प करि कहै छ -- ५५ १ १ रत्न, १ पंक, ३ धूम २१ रत्न, १ पंक, ३ तम १रल, १ धूम, ३ तम ३ | १ रत्न, १ पंक, ३ तमतमा ७४ २ १७ १ रत्न, १ धूम, ३ तमतमा श०६, उ० ३२, ढाल १७८ ८३ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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