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________________ एवं सक्कर थी १० भांगा, ते ६ विकल्प करि ६० भांगा का । हिव वालु थी ६ भांगा हुवै ते वालु पंक थी ३, वालु धूम थी २, वालु तम ते ६ विकल्प करि ३६ भांगा, तेहमें प्रथम वालू पंक थी ३ भांगा ६ विकल्प करि कहै छ थी १ प्रथम विकल्प करि ३ भांगा८६. अथवा एक वालु इक पंके, तीन रै मांय । धूम जाव तथा इक वालु पंक इक, तीन सप्तमी जाय ।। दूजै विकल्प करि ३ भांगा १०. अथवा एक वालु वे पंके, दोय धूम उपजंत ॥ जाव तथा इक वालु पंक बे, दोय तमतमा हुंत ॥ तीज विकल्प करि ३ भांगा १. अथवा बे वालुक इक पंके, दोय धूम में होय । जाव तथा बे वालु पंक इक, दोय सप्तमी जोय ॥ चउथे विकल्प करि ३ भांगा ६२. अथवा इक वालु त्रिण पंके, एक धूमका स्थान । जाव तथा इक वालु पंक त्रिण, एक तमतमा जान ॥ पांचवें विकल्प करि ३ भांगा६३. अथवा बे वालू बे पंके, जाव तथा बे वालु पंक बे, छठ विकल्प करि ३ भांगा- एक धूम में देख । एक सप्तमी लेख || ६४. अथवा त्रिण वालू इक पंके, एक धूम आख्यात | जाव तथा त्रिण वालु पंक इक, एक तमतमा पात ॥ हिवे वालू धूम थी २ भांगा, ले ६ विकल्प कर १२ भांगा कहै छे - प्रथम विकल्प करि २ भांगा ९५. अथवा इक वालू इक धूमा, तीन अथवा इक वालु इक घुमा तीन दूर्ज विकल्प करि २ भांगा६६. अथवा इक वालु बे अथवा इक वालु बे तीज विकल्प करि २ भांगा तमा रै मांय । सप्तमी जाय || धूमा, दोय तमा दुखदाय । धूमा, दोय तमतमा पाय । ६७. अथवा 'वालु इक धूमा, दोय तमा दुखगेह । अथवा बे वालु इक धूमा, दोय तमतमा लेह ॥ चउर्थ विकल्प करि २ भांगा Jain Education International ६८. अथवा इक वालु त्रिण धूमा, एक तमा अवलोय । अथवा इक वालु त्रिण धूमा, एक तमतमा जोय || पांचवें विकल्प करि २ भांगा ६६. अथवा बे वालु बे धूमा, एक तमा अघपूर । अथवा बे बाल बे धूमा एक तमतमा भूर ॥ For Private & Personal Use Only श० ६, उ० ३२, ढाल १७८ ७६ www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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