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________________ तीजै विकल्प करि ३ भांगा ७६. अथवा दो सक्कर इक पंके, दोय धूम उपजंत । जाव तथा दो सक्कर पंक इक, दोय सप्तमी हुंत ॥ चउथ विकल्प करि ३ भांगा- ७७. अथवा एक सक्कर त्रिण पंके, एक धूम अवलोय । जाव तथा इक सक्कर पंक त्रिण, एक सप्तमी होय ॥ पांचवें विकल्प करि ३ भांगा ७८. अथवा बे सक्कर दो पंके, एक जाव तथा बे सक्कर पंक बे, एक छठे विकल्प करि ३ भांगा७६. अथवा त्रिण सक्कर इक पंके, एक धूम अवदात । जाव तथा त्रिण सक्कर पंक इक, एक सप्तमी थात ॥ हि सक्कर धूम थी २ भांगा छह विकल्प करि १२ भांगा कह्या । प्रथम विकल्प करि २ भांगा ८०. अथवा एक सक्कर एक धूमा, त्रिण तमा रै मांय । अथवा एक सक्कर इक धूमा, तीन सप्तमी जाय ॥ दूर्जे विकल्प करि २ भांगा धूम अघस्थान । तमतमा जान ॥ ८१. अथवा इक सक्कर बे धूमा, दोय तमा दुखराश । अथवा इक सक्कर दोय धूमा, दोय सप्तमी तास । तीज विकल्प करि २ भांगा ८२. अथवा दो सक्कर इक धूमा, दोय तमा दुखदाय ॥ अथवा वे सक्कर इक धूमा, दोय सप्तमी जाय || चतुर्थं विकल्प करि २ भांगा ८३. अथवा इक सक्कर त्रिण धूमा एक तमा अघपूर । अथवा एक सक्कर त्रिण धूमा, एक तमतमा भूर ।। पांचवें विकल्प करि २ भांगा ८४. अथवा बे सक्कर दो धूमा, एक तमा उपजंत । अथवा दोय सक्कर दो धूमा, एक तमतमा हुंत ॥ छठे विकल्प करि २ भांगा-, ८५. अथवा त्रिण सक्कर इक धूमा, एक तमा में होय । अथवा त्रिण सक्कर इक धूमा, एक तमतमा जोय ॥ हि सक्कर तम थी १ भांगो ६ विकल्प करि कहै छै - ७८ ८६. अथवा एक सक्कर इक तमा, तीन तमतमा मांय । अथवा इक सक्कर दोय तमा, दोय तमतमा जाय ।। ८७. अथवा बे सक्कर इक तमा, दोय तमतमा जंत । अथवा इक सक्कर त्रिण तमा, एक तमतमा हुंत ॥ ८८. अथवा बे सक्कर दोय तमा, एक सप्तमी होय । अथवा तीन सक्कर इक तमा, एक तमतमा जोय ॥ भगवती-जोड़ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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