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________________ ८ ह १० ११ १२ १३ १४ १५ १६ १७ १८ हिवे रत्न सक्कर धूम थी २ भांगा कहै छे पं १६ १ २० २ १ २ ३ १ १ १ र ए रत्न सक्कर थी १० भांगा कहा । हिवे रत्न वालु थी ६ भांगा ते रत्न वालु पंक थी ३ भांगा प्रथम कहै छे १ १ हिवे रत्न सक्कर तम थी १ भांगो कहे छे २ १ १ १ १ १ १ १ १ o स १ १ १ Jain Education International १ १ १ ० o १ वा ६४ भगवती जोड़ o О ० हिवे रत्न वालु धूम थी २ भांगा कहै छे o १ १ o १ १ ० १ २ १ १ १ हिवे रत्न वालु तम थकी एक भांगो कहै छै - o ० १ o १ १ १ o पू. १ ० 0 ए रत्न वालु थी ६ भांगा कह्या । हिवे रत्न पंक थी ३ भांगा ते पहिला रत्न पंक धूम थी २ भांगा कहै छे १ o १ १ ० १ ० हिवै रत्न पंक तम थी १ भांगो कहै छे ० १ 雖 हिवे रत्न धूम थी एक भांगो कहै छै १ १ o १ o १ १ १ ० १ १ १ १ 0 तम १ १ १ १ o o १ १ १ ० १ १ १ एवं रत्न थी २० भांगा कह्या । हि सक्कर थकी १० भांगा थाय, तिहां सक्कर वालु पंक थकी ३ भांगा, ते प्रथम कहै छै २१ २२ २३ २४ २५ २६ २७ २८ २६ १ २ ३१ ३२ १ २ १ For Private & Personal Use Only १ २ ३० | १ र १ ० ० १ स वा २ १ १ ३ १ १ हि सक्कर वालु धूम थी २ भांगा कहै छै - ० १ १ ए वालु १ १ १ १ १ १ १ १ ० १ १ o हि सक्कर वालु तम थी १ भांगो कहै छै - हिवे सक्कर पंक थी ३ भांगा, तिणमें सक्कर पंक धूम थी दोय भांगा कहै छे. ० o o पं o १ १ १ o ० ० पंक धूज १ १ १ धू १ १ ० हि सक्कर पंक तम थी एक भांगो कहै छै हि सक्कर घूम थी १ भांगो कहै छै १ हिवे वालु थी ४ भांगा कहै छै । तिनमें वालु भांगा प्रथम कहै छै - १ १ १ ए सक्कर थी १० भांगा कह्या । १ १ १ ० ···· त १ ० १ 0 १ १ १ १ १ ० थी २ भांगा कह्या । पंक धूम १ १ तम د o १ ?? १ 0 १ १ o १ १ थी २ १ www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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