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ते किसा ? वालु पंक धूम थी २, वालु पंक तम थी १ एवं वालु पंक थी ३ । तिणमें 'वालु पंक धूम थी २ भांगा प्रथम कहै छं
६२. अथवा एक वालु इक पंके, एक तमा रे मांहि ऊपजे १३. अथवा एक बाइक पंके, एक तमतमा मांहि ऊपजे, हि वालु पंक तम थी एक भांगो कहै छै -
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९४. अथवा एक वालु इक पंके, एक तमतमा मांहि उपजे हि बालु धूम तम की एक मांगो कहे है
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एवं व्यार जीवां रा चउक्कसंजोगिया तेहनों विकल्प १, भांगा ३५ । रत्न थी २० । ते बीस भांगा में रत्न न छूटै, प्रथम रत्न आवै । सक्कर थी १० | ते दश भांगा में सक्कर न छूटै, प्रथम सक्कर आवै । वालु थी ४ । ते च्यार भांगा में वालु न छूटै, प्रथम वालु आवे। अने पंक थी एक--एवं ३५ भांगा जाणवा ।
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६५. अथवा इक वालु इक धूमा, एक तमा में जानी । एक तमतमा मांहि ऊपजै, चउतीसम भंग ठानी ॥ हिवे पंक थी एक भांगो कहे छे६६. अथवा इक पंके इक धूमा, एक तमतमा मांहि ऊपजै,
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च्यार जीवां रा चउक्कसंजोगिया भांगा ३५ । तेहनों प्रथम विकल्प रत्न थी २०, ते किसा ?
हिवे प्रथम रत्न सक्कर वालु थकी ४ भांगा कहै छे
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एक धूमका जानी । इकतीसम भंग ठानी || एक धूमका जानी। बत्तीसम भंग ठानी ||
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एक तमा में जानी । तेतीसम भंग ठानी ॥
एक तमा में जानी । पणतीसम भंग ठानी ॥
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ए रत्न सक्कर वालु थी ४ कह्या 1
हिवं रत्न सक्कर पंक थी ३ भांगा कहै छै -
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६२. अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा
२. वापभाए एने भए एने भूमध्यभाए एगे बनाए होना
४. अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे तमा ए एगे असत्तमाए होज्जा
६५. अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे धूमध्पभाए एगे तमाए एगे असत्तमाए होज्या ।
६. अहवा एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए एगे असत्तमाए होज्जा ।
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श० ६, उ० ३२, ढाल १७७ ६३
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