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________________ १८ भांगा तीनूं विकल्प नां हुवे ते कहै छै - हिवै वालु पंक थी तीन मांगा, ते प्रथम विकल्प करि कहै छे पं ७६ ७७ ७८ ७६ ८० ८१ ८२ ८३ ८४ ८५ १ २ E १ ३ ० २ ६० र ० ० २ ३ ३ o ० o १ ० ० o १ o ८७ १ o १ ८६ १ ० स ० २ ० o हिव वालु पंक थी तीन भांगा दूर्ज विकल्प करि कहै छै - o ० Jain Education International ० १ ० वा o १ १ ० १ हिवं वालु पंक थी ३ भांगा तीजं विकल्पे कहै छै ० १ २ २ o २ २ १ २ ० १ १ १ १ २ २ o २ १ १ १ o धू त २ o ० ० १ हिवं वालु धूम थी २ भांगा ते प्रथम विकल्प करि कहै छं ० १ १ ० ० o १ o १ ८६ २ ० १ २ हिवं वालु धूम थी दोय भांगा ते दूर्ज विकल्प करि कहै - १ २ ० १ ० २ हिवं वालु धूम थी दोय भांगा तीजे विकल्प करि कहै छै २ О १ ० १ o २ १ १ o ० o २ १ २ ० तम ० o १ १ हिवं वालु तम थी एक भांगो प्रथम विकल्प करि कहे छे. ६१ o o १ o १ १ o १ २ ६२ ६४ ६५ १ o ० १ o o २ हिव वालु तम थी एक मांगो तीर्ज विकल्प करि कहे छे ३ १ ० ६६ २ हि पंक میں ૨૭ हिवे वालु तम थी एक मांगो दूर्ज विकल्प करि कहै छे पं हैद ए वालु तम थी ३ मांगा कह्या । एवं वालु पंक थी ६, वालु धूम थी ६, वालु तम थी ३, एवं सर्व वालु थी १८ भांगा कला । हिवं पंकप्रभा थी εभांगा तीनूं विकल्प नां हवं ते कहै छे हिवे पंक धूम थी दोय मांगा ते प्रथम विकल्प करि कहै छै - ह २ हिर्व पंक १०० १ १०१ १०२ १ १ र धूम For Private & Personal Use Only ० धूम ० ० स वा ० ० o ० ० o ० १ १ थी दोय भांगा दूजे विकल्प करि कहै छे २ १ ० ० २ ० ० ० o ० ० १ ० १ ० १ २ ० २ १ o हिवे पंक तमा थी एक भांगो प्रथम विकल्प करि कहै छै १ ० १ १ o हिवे पंक तमा थी एक भांगो दूर्ज विकल्प करि कहै छे १० | २ १ हिवं पंक तमा थी १ भांगो तीजे विकल्प करि कहै छ १ ० त २ १ थी दोय भांगा तीजे विकल्प करि कहै छै - १ ० १ २ ० १ १ २ १ ० तम o ० २ o १ १ ए पंक तमा थी ३ भांगा कह्या । एवं पंक धूम थी ६, पंक तम थी ३, एवं सर्व पंक थकी ६ भांगा कह्या । हिवं धूमप्रभा थी एक भांगो हुवं, ते त्रिण विकल्प करि तीन भांगा कहै छे ०६. उ० ३२, ढाल १७७ ० २ ० १ २ १ १ ५६ www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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