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________________ हिवै सरकर प्रभा थी ३० भांगा तीनूं विकल्प नां हुवे, ते कहै छसक्कर वालु थी १२ ते प्रथम विकल्प करि सक्कर वालु थी ४ भांगा कहै छै हिवै सक्कर पंक थी ३ भांगा ताजै विकल्प करि कहै छ र स वा | पं धू त तम 4 . ० | ए सक्कर पंक थी भांगा कहा। हिवं सक्कर धूम थी दो भांगा प्रथम विकल्प करि कहै छै हिब सक्कर वालु थी ४ भांगा दूज विकल्प करि कहै छ ५२ | ३ | | १ | २ | | | १ | हिवं सक्कर धूम थी दो भांगा दूजे विकल्प करि कहै छ - हिवै सक्कर वालु थी ४ भांगा तीजे विकल्प करि कहै छ हिवं सक्कर धूम थी दो भांगा तीज विकल्प करि कहै छै - ए सक्कर धूम थी छह भांगा कह्या। ए तीन विकल्प करि सक्कर वालु थी १२ भांगा कहा, हिव सक्कर पंक थी ३ भांगा प्रथम विकल्प करि कहै छ हिवं सक्कर तम थी एक भांगो प्रथम विकल्प करि कहै छ हिवै सक्कर तम यो एक भांगो दूज विकल्प करि कहै छै - हिव सक्कर पंक थी ३ भांगा दूज विकल्प करि कहै छ हिवै सक्कर तम थी एक भांगो तीजे विकल्प करि कहै छै | ७५ . . २ . . .१ १ ५८ भगवती-जोड़ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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