SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 73
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ए तीन विकल्प करि रत्न सक्कर थी १५ भांगा कहा। हिवै रत्न वालु थी ४ भांगा प्रथम विकल्पे कहै छै हिवं रत्न पंक थी ३ भांगा तीजे विकल्प करि कहै छै र स वा | पं | धू त तम ए रत्न पंक थी ६ भांगा का हिवं रत्न बालु थी ४ भांगा दूज विकल्प करि कहै छ हिवै रत्न धूम थी २ भांगा प्रथम विकल्प करि कहै छै -- हि रत्न धूम थी २ भांगा दूज विकल्प करि कहै छ र स वा पं धू, तम हिवं रत्न वालु था तीजे विकल्पे ४भांगा कहै छै .. त हिवं रत्न धूम थी २ भांगा तीज विकल्प करि कहै छै २७ | ४ | २ . १ • • • ४२ | २ | २ • • • १ . ए रत्न धूम थी ६ भांगा कहा। ए रत्न वालु थी १२ भांगा कह्या । हिवै रत्न पंक थी ३ भांगा प्रथम विकल्पे कहै छै -- हिवं रत्न तम थी एक भांगो प्रथम विकल्प करि कहै छै -- २६ | २ | १ • • १ . २ . हिवं रत्न तम थी एक भांगो दूज विकल्प करि कहै छै हिवं रत्न पंक थी ३ भांगा दूज विकल्प करि कहै छै -- हिवं रत्न तन थी एक भांगो तीजे विकल्प करि कहै छै-- ... ए रत्न तम थी तीन भांगा कहा श०६, उ० ३२, ढाल १७७ ५७ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy