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वा० ---हिवै त्रिकसंयोगिक में एक नरक रो नाम लेइ पूछ तेहनी आमना कहै छ-लारै नरक रहै तिणमे एक छेहलो आंक घटायने बाकी रहै ते आंक मांडी मिलाय लेणां। जेतला आंक हुदै तेतला भांगा कहणा । तेहनो उदाहरण कोइ पूछ
-रत्न थी त्रिकसंयोगिया भांगा केता? तेहनो उत्तर-रत्न थी पूछ्यो, लार छह नरक रही । तेहमें एक छेहलो छह को आंक घटायां लारै पांच रह्या । ते एका सूं अनुक्रमे पांच तांइ मांडणा १।२।३।४।५ । हिवं एहनें गिणणा-एक में दोय-तीन, तीन ने तीन-छह, छह अनं च्यार–दश अने पांच-पनर, इम रत्न थी पनर भांगा हुदै । सक्कर थी दश हुवे, ते किम ? लार रही पांच, ते माहिलो पांचो घटावणो ११२।३।४। एहन गिण्यां दश हुवे ते माट सक्कर थी दश हुवै । वालु थी छह ते किम? लारै नरक रही च्यार, ते चोको घटावणो १२।३ । एहन गिण्यां छह हुवै । पंक थी तीन ते किम ? लारै नरक रही तीन, ते तीयो घटावणो १२ । एक ने दोय-तीन, ते माट तीन हुवं । धूम थी एक भांगो, लार दोय रही, ते बीयो घटायां लार एको रहै, ते माटै एक भांगो । एवं रत्न थी १५, सक्कर थी १०, वालु थी ६, पंक थी ३, धूम थी १-एवं त्रिकसंयोगिका भांगा हुदै ।
त्रिकसंयोगिया में दोय नरक रो नाम लेइ पूछ्यां, लारै नरक रहै जितरा भांगा कहणा । तेहनों उदाहरण - रत्न सक्कर थी त्रिकसंयोगिक किता भांगा? उत्तर----५ भांगा, लार पांच नरक रही ते माट। रल वालु थी त्रिकसंयोगिक किता भांगा? उत्तर-४ भांगा, लारै च्यार नरक रही ते माटै । रत्न पंक थी त्रिकसंयोगिक किता भांगा ? उत्तर - तीन भांगा, लार ३ रही ते माट। रत्न धम थी दोय, लारै बे रही ते माटै । रत्न तम थी १ भांगो लारं १ रही ते माट।
एवं रन थी १५ । इम सक्कर थी दश । सक्कर वालु थी ४, लार ४ नरक रही ते माटै । सक्कर पंक थी ३, लारै तीन रही ते माटै । सक्कर धूम थी २, लारै दोय रही ते माटै । सक्कर तम थी १, लारै एक रही ते माट-इम सक्कर थी १०।
इम वालु थी ६ । वालु पंक थी ३, लारै तीन रही ते माटै । वालु धूम थी २, लार दोय रही ते माट। वालु तम थी १, लारै १ रही ते माट, इम वालु थी ६ भांगा।
पंक थी भांगा ३ । पंक धूम थी २, लारै बे रही ते माट। पंक तम थी १, लार १ रही ते माटे। इम त्रिकसंयोगिक में दोय नरक रो नाम लेई पूछ तेहनी आमना कही।
ढाल : १७७
दूहा
१. च्यार नेरइया हे प्रभु ! नरकप्रवेशन न्हाल ।
रत्नप्रभा में स्यूं हुवै, जाव तमतमा भाल ? २. जिन भाखै सुण गंगेया ! चिउं रत्न में जाय ।
अथवा च्यारूं सक्कर में, तथा वालु चिउं पाय॥ ३. अथवा च्यारूं पंक में, तथा धूम चिउं धार ।
तथा तमा चिउं ऊपजै, तथा तमतमा च्यार ।। ४. च्यार जीव नां भंग इम, इक संजोगिक सात । विकल्प तेहनों एक है, कह्यो पूर्व अवदात ॥
१. चत्तारि भंते ! नेरइया नेरइयपवेसणएणं पविसमाणा
कि रयणणभाए होज्जा?-- पुच्छा। २,३. गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए
वा होज्जा।
४. प्रथिवीनामेव त्वे सप्त विकल्पा:
(वृ०प० ४४२)
श०६, उ०३२, ढाल १७६-१७७ ४६
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