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३८. अथवा सत्त रत्न संख सक्कर संख वालुका,
संख पंक धूम संख्यात जातं। जाव तथा रत्न सत्त संख सक्कर वालु संख,
__ संख पंक सप्तमी में संख्यातं ।
सैंतीसमों विकल्प श्री जिनराज कहै । ३६. अथवा अठ रत्न संख सक्कर संख वालुका,
संख पंक धूम संख्यात जातं । जाव तथा रत्न अठ संख सक्कर वालु संख,
संख पंक सप्तमी में संख्यातं ।
अड़तीसमो विकल्प श्री जिनराज कहै । ४०. अथवा नव रत्न संख सक्कर संख वालुका,
संख पंक धूम संख्यात जातं । जाव तथा रत्न नव संख सक्कर वालु संख,
संख पंक सप्तमी में संख्यातं ।
गुणचालीसमों विकल्प श्री जिनराज कहै ॥ ४१. अथवा दश रत्न संख सक्कर संख वालुका,
संख पंक धूम संख्यात जातं । जाव तथा रत्न दश संख सक्कर वालु संख,
___ संख पंक सप्तमी में संख्यातं ।
चालीसमों विकल्प श्री जिनराज कहै ।। ४२. अथवा संख रत्न संख सक्कर संख वालुका,
संख पंक धूम संख्यात जातं । जाव तथा रत्न संख संख सक्कर वालु संख,
संख पंक सप्तमी में संख्यातं ।
इकतालीसमों विकल्प श्री जिनराज कहै ।। ४३. *इम रत्न सक्कर वालु धूम थी, भंग दोय भणीजिये ।
विकल्प एक चालीस करिक, बयांसी गिण लीजिये ।। ४४. इस रत्न सकार वालु तम थी, एक भंग अहीजही।
विकल्प इकतालीस करिकै, भंग इकतालीस ही। ४५. इन रल सक्कर पंक धूम थी, दो भांगा दाखीजिये ।
५ तालास करिक, बयांसी भंग कोजियै ॥ ४६. रत्न सक्कर पंक तम थी, एक भंग हवे वही।
विकल इकतालीस करिक, भंग इकतालीस ही॥ ४७. इस रल सकार धूम तम थी, एक ईज भांगो लहै ।
विकल्प इकतालीस कारके, भग इकतालीस है। ४८. रत्न वालु क धूम थो, दोय भंग दाखीजिये ।
मिला तालीस करिक, बयांसी भग कीजिये । ४६. .. पान पंक तम थी, एक भंग हुवे वही । बितानोस करिक, भंग इकतालीस हो ।
*लय : यूजमा
तोटा
१६० सगमती-जा
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