SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 207
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ धूम तम थी, एक भंग हुवे सही । चालीस करिके, भंग इकतालीस ही ॥ ५१. इम रत्न पंक ने धूम तम थी, एक भंग हुवै वही । विकल्प इकतालीस करिके, भंग इकतालीस ही ॥ ५२. सक्कर भी इस पांच-पांच भांगा, पूर्व रीत भणीजिये। ५०. रत्न वालु विकल्प एक विकल्प इकतालीस करिकै, बे सय पंच गिणीजिये ॥ ५३. वालुका थी एक भंग इम इकतालीस विकल्प करी । भंग इकतालीस होवे, प्रवर बुद्धी अनुसरी ॥ ए रत्न थी ६१५, सक्कर भी २०५, बालुका भी ४१ - एवं सवं ८६१ भांगा हुवे । ५४. * जीव संखेज नां पंचयोगिका, आठसौ इकसठ भंग इम आखिया, मूल इकवीस भांगा छेतेनां ॥ ५५. नवम शतदेश बतीसम ए कहा, एक सौ ने नव्यासीमीं ढालं । भिक्षु भारीमाल ऋषिराय प्रसाद थी, 'जय-जम' हरम पति निशानं ॥ १. २. इहा १. संस जीव पट-योगिका, विकल्प एकावन्न । भंग तीन सय ऊपर, २. मूल सप्त भंग तेहनें, सत्तावन गुणे गेह । सत्तावन प्रपन्न || हुवै तीन सौ भंग इम, सत्तावन ३. पूर्ववत विकल्प प्रवर एकावन्न कहूं जुजुमा तेहयी, भणिवा भांगा अधिकेह || उदार । । सार ॥ ३. ४. ५. ६. ७. 5. विकल्प एकचालीस जेहनां । ढाल : १६० संखेज्ज जीवां राषट-संजोगिक ५१ विकल्प जूजुआ बेबाई - १ रत्न, १ सक्कर, १ बालु, १ पंक, १ धूम, संख्यात सम १ रत्न, १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, २ घूम, संख्यात तम १ रश्न, १ सक्कर, १ बालु, १ पंक, ३ भूम, संख्यात तम १ रत्न, १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, ४ धूम, संस्यति तम १ रत्न, १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, ५ घूम, संख्यात तब *लय: कड़वां री १ रत्न, १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, ६ धूम, संख्यात तम १ रत्न, १ सक्कर, १ बालु, १ पंक, ७ घूम, संख्यात ब्रम १ रत्न, १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, धूम, संस्थात नम् Jain Education International १. कोतपत्र पट्संयोगे एकपञ्चाशद्विकल्पा भवन्ति, अस्याश्च प्रत्येकं सप्तपदषट्कयोगे सप्तक लाभाक्त्रीणि शतानि सप्तपञ्चाशदधिकानि भवन्ति । ( वृ० प० ४४२) For Private & Personal Use Only श० ६, उ० ३२, ढाल १८६,१६० १९१ www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy