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२१. तथा रत्न इक सक्कर में नव, संखेज वालु संखेज पंकेय ।
जाव तथा इक रत्न सक्कर नव, संखेज वालु सप्तमी संखेय ॥ २२. तथा रत्न इक सक्कर में दश, संखेज वालु संखेज पंकेय ।
जाव तथा रत्न इक सक्कर में दश, संखेज वालु सप्तमी संखेय ।। २३. तथा रत्न इक सक्कर संख्याता, संखेज वाल संखेज पंकेय ।
जाव तथा इक रत्न सक्कर संख, संखेज वालु सप्तमी संखेय ।। २४. तथा रत्न बे सक्कर संख्याता, संखेज वालु पंक संख लेय ।
जाव तथा रत्न बे संख सक्कर, संखेज वालु सप्तमी संखेय ।। २५. तथा रत्न त्रिण सक्कर संख्याता, संखेज वालु पंक संख लेय ।
जाव तथा रत्न त्रिण संख सक्कर, संखेज वालु सप्तमी संखेय ।। २६. तथा रत्न चिउं सक्कर संख्याता, संखेज वालु पंक संख लेय ।
जाव तथा रत्न चिहुं संख सक्कर, संखेज वालु सप्तमी संखेय ।। २७. तथा रत्न पंच सक्कर संख्याता, संखेज वालु पंक संख लेय ।
जाव तथा रत्न पंच संख सक्कर, संखेज वालु सप्तमी संखेय ॥ २८. तथा रत्न षट सक्कर संख्याता, संखेज वालु पंक संख लेय ।
जाव तथा रत्न षट संख सक्कर, संखेज वालु सप्तमी संखेय ।। २६. तथा रत्न सप्त सक्कर संख्याता, संखेज वालु पंक संख लेय ।
जाव तथा रत्न सप्त संख सक्कर, संखेज वालु सप्तमी संखेय ।। ३०. तथा रत्न अष्ट सक्कर संख्याता, संखेज वालु पंक संख लेय।
जाव तथा रत्न अठ संख सक्कर, संखेज वालु सप्तमी संखेय ।। ३१. तथा रत्न नव सक्कर संख्याता, संखेज वालु पंक संख लेय ।
जाव तथा रत्न नव संख सक्कर, संखेज वालु सप्तमी संखेय ।। ३२. तथा रत्न दश सक्कर संख्याता, संखेज वालु पंक संख लेय ।
जाव तथा रत्न दश संख सक्कर, संखेज वाल सप्तमों संखेय ।। ३३. तथा रत्न संख सक्कर संख्याता, संखेज वाल पंक संख लेय ।
जाव तथा रत्न संख सक्कर, संखेज वाल सप्तमी संखेय ।। ३४. ए रत्न सक्कर वालु थी चिउं भांगा,
इकतीस विकल्प इक सौ चोवीस । रत्न सक्कर पंक थो त्रिण भांगा, इकतीस विकल्प त्राणू जगीस। ३५. रत्न सक्कर धूम थी दोय भांगा, इकतीस विकल्प बासठ दोस ।
रत्न सककर तम थो इक भंगो, इकतोस विकल्प भंग इकतीस ।। ३६. ए रत्न सककर थी दश भांगा, ते तोनसौ दश विकल्प इकतीस ।
इमज रत्ल वालु थोषट भागा, एकसो ने बासो सुजगीस ।। ३७. इमहिज रत्न पंक थोत्रि भंग, इकतोस विकल्प त्राणं दीस ।
रत्न धुम थो एक भांगो, ते इकतीस विकल्प भंग इकतीस ।। ३८. रत्न थको ए वोस भंगा इम, इकतोस विकल छ सो बोस ।
सकार थी दश भांगा इमहिज, तोनसी ने दश इमज कहीस ।। ३६. वालु थो चिउं भंग इकतोस विकल, भांगा हवे एक सो चोवीस ।
पंक थको इक भांगो हुवे, ते इकतोस विकल्प भंग इकतीस ।। ४०. संखेज जावां रा चउकसंजोगिक,
भांगा हुवै एक सहस्र पच्चासी। पैंतोस भांगा मूल छै त्यां नैं, इकतीस गुणा कियां इता थासी॥ १८४ भगवती-जोड़
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