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भांगा बयालीस तास ए, १. रत्न तथा थकी भंग एक ए भणवा भांगा इकवीस ए, ८२. भांगा पनर रत्न थी एह ए,
७७. अथवा इक रत्न लभेज्ज ए, दोय वालुका पंक संखेज्ज ए । जाव तथा रत्न इक अंक ए, दोय बालुका सप्तमी संल ए ॥ ७८. इम इहविध अनुक्रमेण ए, रत्न वालु थी चिउं भंग श्रेण ए ।। इकवोस विकल्प करि जोय ए त भंग चउरासी होय ए ॥ ७६. रत्न पंक की भंग तीन ए, इकवीस विकल्प करि चीन ए । त्रेसठ भांगा जाण ए, तिके पूर्व रीत पिछाण ए ॥ ८०. रत्न धूम थकी भंग दोय ए, इकवीस विकल्प करि जोय ए । विध पूर्व रीत प्रकाश ए ॥ इकवीस विकल्प करि पेस ए । विध पूर्व उक्त जगीस ए ॥ विकल्प इकवीस करेह ए । हिवै सक्कर थकी कहीस ए ॥ विकल्प इकवीस सुलेख ए । भणवा पूर्व रोत सुचंग ए ॥ विकल्प इकवीस भणेह ए । ए ते पिण पूर्व रीत जगीस ए ॥ विकल्प इकवीस आधीन ए वारु बुद्धि विमल सुविमास ए ॥ विकल्प इकवीस सुलेख ए । विधि पूर्व उक्तज होय ए॥ सातसौ ने पैंतीस सुचंग ए जिन भाखे गुण गंगेय ! ए ॥
हुवै तीन सौ नैं इकवीस ए, ८३. इम सक्कर थी दश देख ए हुवै दो सौ में दश भंग ए, ४. भंग वालुका थी षट तेह ए, भांगा में एक सौ ने छवीस ८५. पंक चकी भंग तीन ए
८४.
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प्रेसठ मांगा तास ए. ८६. धूम थकी भंग एक ए इकवीस भांगा अवलोव ए. ८७. इम त्रिकसंजोगिक मंग ए. इम नारकि भ्रमण करेय ए देश नवम बतीसम न्हाल ए एकसी ने सत्यासीमी ढाल ए । भिक्षु भारीमाल ऋषिराय ए. सुख 'जय जय' हृप सवाब ए ॥
हि संख्याता जीवां रा चउकसंयोगिक तेहनां विकल्प ३१ भांगा १०८५ तिणरो विवशे- चउकसंजोगिक ३५ भांगा एकेक विकल्प करि हुवै। रत्न थी २०, सक्कर थी १०, वालुक थी ४, पंक थी ९ – एवं ३५ । रत्न थी २० ते किसा ? रत्न सक्कर थी १०, रत्न वालु थी ६, रत्न पंक थी ३, रत्न धूम थी १ -- एवं २० । रत्त सक्कर थी १० ते किसा ? रत्न सक्कर वालु थी ४, रत्न सक्कर पंक थी ३, रत्न सक्कर धूम थी २, रत्न सक्कर तम थी १ – एवं १० । इम आगल पिण जिम संभव तिम करिवा तिहां प्रथम रत्न सक्कर वालु थी ४ भांगा इकतीस विकल्प करि १२४ भांगा कहै छै -
१. जीव
संखेज तणां पियासी इक सहस्र भंग,
ढाल : १८८
१०२ भगवती जोड
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दूहा
हिवे
चउकसंयोगी कहीस । विकल्प तसु इकतीस ||
७७. अहवा एगे रयणप्पभाए दो वालुयप्पभाए संबेज्जा पंकप्पभाए होज्जा, एवं एएणं कमेणं तिमासंजोगो,
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१. चतुष्कसंयोगेषु पुनराद्याभिश्चतसृभिः प्रथमश्चतुष्कसंयोगः तत एते सर्वेश्येकष चतुयोगे एकत्रि
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