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________________ दोय जीव रो द्विकसंजोगियो १ विकल्प, तीन जीव रा द्विकसंजोगिया २ विकल्प, इम यावत सौ जीवां रा द्विकसंजोगिया ९६ विकल्प, जेतला जीव लेणां तिण सूं एक ऊणो विकल्प । हिवै त्रिकसंजोगिया नां विकल्प नी आमना५. त्रिकयोगिक त्रिण जीव नों, विकल्प एक सुचीन । त्रिकयोगिक चिउं जीव नां, कहियै विकल्प तीन ।। ६. त्रिकयोगिक जंतू जिता, तेहथी दोय घटाय । शेष अंक लिखनै गिण्यां, तेता विकल्प थाय । वा० - जेतला जीव लेव तिण मांहि थी दोय काढिय, पाछै रहे ते एक सू गिणियै । तिवारै जेतला हुवै जितरा विकल्प जाणवा। कोइ एक इम पूछ-जे दश जीवां रा त्रिकसंजोगिया केतला विकल्प ? तिवारै इम कहिये-जे दश मांहि थी २ काढिय तिवारै पछै ८ रहै, ते इम लिखणा-१,२,३,४,५,६,७,८ हिवै ए आंकां नै इम गिणणा ते विध कहै छै-एक ने दोय - तीन, तीन नै तीन-छ, छ में च्यार-दश, दश ने पांच-पनरै, पनरै नै छ-इकवीस, इकबीस ने सातअठावीस, अठावीस ने आठ- छतीस-इम दश जीवां रा ३६ विकल्प हुदै । वलि कोइ पूछ-बीस जीवां रा विकल्प किता? तेहनों उत्तर-बीस मांहि थी २ काढिय, पाछै अठार रहै । ते एक सू लेइन अठारै ताइ गिणियां १७१ हवै, एतला बीस जीवां रा विकल्प जाणवा । आगल पिण इमहिज करिवा । हिवं चउकसंजोगिया विकल्प नी आमना७. चउयोगिक चिउं जीव नों, विकल्प इक अवधार । चउयोगिक पंच जीव नां, कहियै विकल्प च्यार ॥ ८. चउयोगिक षट जीव नां, दश विकल्प सुकहीस । चउयोगिक सत्त जीव नां, कहियै विकल्प बीस ।। ६. चउयोगिक जंतू जिता, तेहथी तीन घटाय । पाछै रहै तेहनों धड़ो, दीधां जितरा थाय ॥ १०. षट जंतू नां केतला, विकल्प हवै सुलेख ? षट थी त्रिण काढयो छते, लिखो अंक त्रिण पेख ।। ११. एको बीओ नैं तीओ, प्रथम ओल ए अंक । द्वितीय ओल धुर अंक इक, लिख तसू धड़ो निसंक। १२. धुर इक अंक लिख्यो अछ, तसू जोड़े वलि ताय । एक अनैं बे त्रिण हवै, तीओ अंक लिखाय । १३. तीन अनैं वलि त्रिण मिल्यां, गिणियां षट कहिवाय । तीआ अंक पासे वली, षट नों अंक लिखाय ।। १४. दूजी ओली नों धड़ो, दीधां दश ह सोय । विकल्प दश षट जीव नां, इम आगल पिण होय ।। वा-जेतला जीव लेणां त्यां मांहि थी ३ काढिय, पछै तेहनोइज धड़ो देणो जे कोइक इम पूछे---- दश जीवां रा चउकसंजोगिया केतला विकल्प ? जब इम कहीज-१० मांहि थी ३ काढियं, पाछै सात रहै ते एक सूं लेइ नै इम लिखणां१,२,३,४,५,६,७ । हिवै ए ओली नै इम गिणवी-एक न दोय-३, तीन ने तीन-६, छ ने च्यार-१०, दश ने पांच-१५, पनरै नै छ–२१, इकवीस ने सात---२८, ए दूजी ओल पहिली ओल हेढ़ इम लिखणी-१,३,६,१०,१५,२१,२८ । २०६०३२॥ ढाल १८७ १७७ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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