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________________ १०. अथवा एक रत्न मझे, बे वालुक इक पंक में ११. अथवा एक रत्न मझे, वे वालुक इक पंक में हि रत्न सक्कर वालुक पंक थी ३ भांगा चतुर्थ विकल्प करि कहै छै - १२. अथवा एक रत्न मझं, दोय सक्कर रे मांय । इक वालुक इक पंक में, १३. अथवा एक रत्न मझे 1 १५. अथवा दोय रत्न मझे, इक वालुक इक पंक में १६. अथवा दोय रत्न मझे, इक वालुक इक पंक में, १४. अथवा एक रत्न मझै, इक वालुक इक पंक में, हिवे रत्न सक्कर वालुक पंक थी ३ भांगा पंचम विकल्प करि कहै - इक वालुक इक पंक में, १७. अथवा दोय रत्न मझे, इक वालुक इक पंक में, इक सक्कर उपजंत । एक तमा में जंत ॥ इक सक्कर उपजंत । एक सप्तमी त ॥ इक वालुक वे धूम में 1 एक धूम में जाय ॥ बे सक्कर में पाय । एक तमा कहिवाय ॥ बे सक्कर उपजंत । एक सप्तमीं हुंत ॥ एक सक्कर रै मांय । एक धूम कहिवाय ॥ एक सक्कर में पाय । हिवै रत्न सक्कर वालुक धूम थी २ भांगा पंच विकल्प करि १० भांगा, तिहां प्रथम विकल्प करि कहै छ१८. अथवा एक रत्न मझे, इक वालुक इक धूम में, १६. अथवा एक रत्न मझे, इक वालुक इक धूम में, हि रत्न सक्करवालुक धूम २०. अथवा एक रत्न मझे, इक वालुक बे धूम में, २१. अथवा एक रत्न मझे, Jain Education International एकतमा में जाय ॥ एक सक्कर उपजंत । एक सप्तमी हुंत ॥ इक सक्कर अवलोय । दोय तमा में जोय ॥ इक सक्कर उपजंत । दोय सप्तमीं हुंत ॥ थी २ भांगा द्वितीय विकल्प करि कहै छै - इक सक्कर ₹ मांय । एक तमा में जाय ॥ इक सक्कर रे मांय । एक सप्तमी चाय ॥ हि रत्न सक्कर वालुक धूम थी २ भांगा तृतीय विकल्प करि कहै छै - २२. अथवा एक रत्न मझे, वालुक इक धूम में, २३. अथवा एक रत्न मझे, वे वालुक इक धूम में इक सक्कर दुखधाम । एक तमा में पाम । इक सक्कर पहिछान । एक सप्तमी जान ॥ हि रत्न सक्करवालुक धूम थी २ भांगा चतुर्थ विकल्प करि कहै छै - २४. अथवा एक रत्न मझे बे सक्कर दुखरास । इक वालुक इक धूम में, एक तमा अभित्रास ॥ २५. अथवा एक रत्न मझे, इक वालुक इक धूम में १२५ भगवती-जोड़ बे सक्कर दुखपूर । एक सप्तमीं भूर ॥ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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