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________________ हि रत्न सक्कर वालुक धूम थी २ भांगा पंचम विकल्प करि कहै छै - इक सक्कर रे मांय । एक तमा दुख पाय ॥ इक सक्कर अघखान । एक सप्तमी जान ॥ २६. अथवा दोय रत्न मझे, में, इक वालुक इक धूम म २७ अथवा दोय रत्न मझे, इक वालुक इक धूम में ए रत्न सक्कर वालुक धूम थी २ भांगा ५ विकल्प करि १० भांगा कह्या । हि रत्न सक्करवालुक तम थी १ भांगो पांच विकल्प करि कहै छै - २८. अथवा एक रत्न मझै, इक इक वालुक इक तम विषे हि रत्न सक्करवालुक तम थी १ भांगो द्वितीय विकल्प करि कहै छै - सक्कर उपजंत । दोय सप्तमी त ॥ २६. अथवा एक रत्न मझे, इक सक्कर ₹ मांय । इक वालुक बेतमा विषे, एक सप्तमीं जाय ।। हि रत्न सक्कर वालुक तम थी १ भांगो तृतीय विकल्प करि कहै छै - ३०. अथवा एक रत्न मझे, इक सक्कर दुख पाय । एक सप्तमी कहाय ॥ वे वालुक इकतम विषे हि रत्न सक्कर वालुक तम ३१. अथवा एक रत्न मझं वे सकर अवलोय 1 इक वालुक इक तम विषे एक सप्तमी होय ॥ हि रत्न सक्कर वालुक तम थी १ भांगो पंचम विकल्प करि कहै छै - थी १ भांगो चतुर्थ विकल्प करि कहै छै- ३२. अथवा दोय रत्न मझे, इक सक्कर पहिछान । इक वालुक इक तम विषे, एक सप्तमी जान || ए रत्न सक्कर वालुक थी ६ भांगा पांच विकल्प करि ३० भांगा कह्या । हिवे रत्न सक्कर पंक थी ३ भांगा, ते किसा ? सक्कर रत्न पंक धूम थी २, पंक तम थी १ | तिहां रत्न सक्कर पंक धूम थी २ भांगा प्रथम विकल्प करि क - दोय पंक इक धूम में, ३८. अथवा एक रत्न मझे, दोय पंक इक धूम में ३३. अथवा एक रत्न मझे, एक पंक इक धूम में ३४. अथवा एक रत्न मझे, एक पंक इक धूम में हि रत्न सक्कर पंक धूम ३५. अथवा एक रत्न मझे, एक पंक बे धूम में, ३६. अथवा एक रत्न मझे, एक पंक बे धूम में, हिवै रत्न सक्कर पंक धूम थी २ भांगा तृतीय विकल्प करि कहै छै - Jain Education International इक सक्कर ₹ मांय । दोय तमा कहिवाय ॥ इक सक्कर उपजंत । दोय सप्तमी त ॥ ३७. अथवा एक रत्न मझे, इक सक्कर दुखरास । एक तमा अभित्रास ॥ एक सक्कर अघखान । एक सप्तमी जान ।। थी २ भांगा द्वितीय विकल्प करि कहै छै-इक सक्कर अवलोय । एक तमा में जोय ॥ इक सक्कर पहिछान । एक सप्तमी जान ॥ For Private & Personal Use Only ० ६, उ० ३२, डॉल १८४ १५६ www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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