SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 149
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ हिवै पंक तम थी १ भांगो अष्टम विकल्पे दशम विकल्पे ३३८ १ २ पंक, ३ तम, १ सप्तमी १ ४ धूम, १ तम, १ सप्तमी हिवै पंक तम थी १ भांगो नवम विकल्पे ३३६ ३ पंक, २ तम, १ सप्तमी ए धूम थी १ भांगो दश विकल्प करि १० भांगा कह्या । एवं रत्न थी १५, सक्कर थी १०, वालुक थी ६, पंक थी ३, धूम थी १–एवं ३५ भांगा, ते एक-एक विकल्प करि हुदै । दश विकल्प करि त्रिकसंजोगिया भांगा ३५० जाणवा । हिवै पंक तम थी १ भांगो दशम विकल्प ३४० १ ४ पंक, १ तम, १ सप्तमी ए पंक तम थी १ भांगो १० विकल करि १० भांगा कह्या । एवं पंक थी ३ भांगा दश विकल्प करि ३० भांगा कह्या। हिवै धुम थी १ भांगो दश विकल्प करि १० भांगा। तिहां प्रथम विकल्पे ३४१ १ | १ धूम, १ तम, ४ सप्तमी द्वितीय विकल्पे ३४२, ११धूम, २ तम, ३ सप्तमी तृतीय विकल्पे १ | २ धूम, १ तम, ३ सप्तमी चतुर्थ विकल्पे १ धूम, ३ तम, २ सप्तमी पंचम विकल्पे ३४५ १ २ धूम, २ तम, २ सप्तमी षष्ठ विकल्पे - ३४६ | १ | ३ धूम, १ तम, २ सप्तमी सप्तम विकल्पे ३४७ | १ | १ धूम, ४ तम, १ सप्तमी अष्टम विकल्पे १ २ धूम, ३ तम, १ सप्तमी नवम विकल्पे ३ धूम, २ तम, १ सप्तमी मा० ६, उ० ३२, ढाल १८२ १३३ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy