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________________ | हिवै रल तष थी १ भांगो सप्तम विकल्प करि कहै छै- । हिव सक्कर वालु थी ४ भांग। चतुर्थ विकल करि कहै छै-- १ सक्कर, ३ वालु, २ पंक १४७ १ | १ रत्न, ४ तम, १ सप्तमी हिवै रल तम थी १ भांगो अष्टम विकल्प करि कहै छै-- १४८ १ २ रन, ३ तम, १ सप्तमी १ सक्कर, ३ वालु, २ धूम १ सक्कर, ३ वालु, २ तम | हिवै रत्न तम थी १ भांगो नवम विकल्प करि कहै छै-- १६६ ४ १ सक्कर, ३ वालु, २ सप्तमी ३ रल, २ तम, १ सप्तमी हिवै सक्कर वालु थी ४ भांगा पंचम विकल्प करि कहै छै - हि रत्न तम थी १ भांगो दशम विकल करि कह छ १६७ | १ | २ सक्कर, २ वालु, २ पंक १६८ २ २ सक्कर, २ वालु, २ धूम १६४ १५० १ | ४ रत्न, १ तम, १ सप्तमी ए रत्न थी १५ भांगा दश विकल्प करि १५० भांगा कह्या । हिवै सकार थी १० भांगा एक-एक विकल्प नां हुवै ते दश किया ? सक्कर बालु थकी ४, सक्कर पंक थकी ३, सक्कर धम थी २, सक्कर तम थी १-एवं १० भांगा, दश विकल्प करि १०० भांग। । तिहां सक्कर वालु थी ४ भांगा प्रथम विकल्प करि कहै छ २ सक्कर, २ वालु, २ तम १७० २ सक्कर, २ व लु, २ सप्तमी हिवै सक्कर वालु थी ४ भांगा षष्ठ विकल्प करि कहै छै -- १ १ सक्कर, १ वालु, ४ पंक १७१ ३ सक्कर, १ वालु, २ पंक १ सक्कर, १ वालु, ४ धूम १७२ ३ मक्कर, १ वालु, २ धूम १५३ ३ / १ सक्कर, १ वालु, ४ तम ३ ३ सक्कर, १ वालु, २ तम १ सक्कर, १ वालु, ४ सप्तमी १७४ ३ सक्कर, १ वालु, २ सप्तमी हिवं मकर कालु थी ४ भांगा सप्तम विकल्प करि कहै छ । हिवै सक्कर वालु थी ४ भांगा द्वितीय विकल्प करि कहै छ। १ सक्कर, २ वालु, ३ पंक १५५ १७५ १ १ सक्कर, ४ बालु १ पंक १५६ १ सक्कर, २ वालु, ३ धूम १७६ - २ | १ सक्कर, ४ बालु १ धूम १५७ १ सक्कर, २ वालु, ३ तम १७७ | १ सक्कर, ४ वालु १ तम १५८ । ४ १ सक्कर, २ वालु, ३ सप्तमी १७८ | १ सकार, ४ वालु १ सप्तमी हिवै सक्कर वालु थी ४ भांगा तृतीय विकल्प करि कहै छै हिवै सक्कर वालु थी ४ भांगा अष्टम विकल्प करि कहै छै २ सक्कर, १ वालु, ३ पंक २ सक्कर, ३ वालु, १ पंक १६० - २ | २ सक्कर, १ वालु, ३ धूम १८० । २ | २ सक्कर, ३ वालु, १ धून २ सक्कर, १ बालु, ३ तम २ सक्कर, ३ वालु, १ तम २ सक्कर, १ वालु, ३ सप्तमी २ सक्कर, ३ वालु, १ सप्तमी श० ६, उ० ३२, ढाल १८२ १२७ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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