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________________ हिवै रल पंक थी ३ भांगा दशम विकल्प करि कहै छ. - हिवै रत्न धूम थी २ भांगा सप्तम विकल्प करि कहै छ -- ४ रत्ल, १ पंक, १ धूम १३३ | १ १ रत्न, ४ धूम, १ तम ४ रल, १ पंक, १ तम ३४ २ १ रत्न, ४ धूम, १ सप्तमी हिवं रत्न धूम थी २ भांगा अष्टम विकल्प करि कहै छ ४ रत्न, १ पंक, १ सप्तमी १३५ | १ | २ रत्न, ३ धूम, १ तम ए रत्न पंक थी ३ भांगा दश विकल्प करि ३० भांगा कह्या । हिवै रत्न धूम थी दश विकल्प करि २० भांगा कहा। ते प्रथम विकल्प करि २ भांगा कहै छ १३६ २ | २ रत्न, ३ धूम, १ सप्तमी हिवं रत्न धूम थी २ भांगा नवम विकल्प करि कहै छ | १ | १ रत्न, १ धूम, ४ तम | ३ रत्न, २ धूम, १ तम १३८ १२२ | २ १ रत्न, १ धूम, ४ सप्तमी २ ३ रत्न, २ धूम, १ सप्तमी हिवै रत धून थी २ भांगा दशम विकल्प करि कहै छ - हिवं रत्न धूम थी २ भांगा द्वितीय विकल्प करि कहै छै--- रल, १ धूम, १ तम १२३ / १ १ रत्न, २ धूम, ३ तम १२४ | २१ रत्न, २ धूम, ३ सप्तमी ४० २ ४ रत्त, १ धूम, १ सप्तमी हिवं रत्न धूम थी २ भांगा तृतीय विकल्प करि कहै छ ए रत्न धूम थी २ भांगा १० विकल्प करि २० भांगा कह्या । हिवं रत्न तम थी १ भांगो प्रथम विकल्प करि कहै छै - रत्न, १ तम, ४ सप्तमी २ रत्न, १ धूम, ३ तम १२६ , २ | २ रत्न, १ धूम, ३ सप्तमी रल तम थी १ भांगो द्वितीय विकल्प करि कहै छै ---- | हिवै रत्न धूम थी-भांगा चतुर्थ विकल्प करि कहै छ - १ रत्न, २ तम, ३ सप्तमी १२७ / १ | १ रत्न, ३ धूम, २ तम हिवै रत तम थी १ भांगो तृतीय विकल्प करि कहै छ रत्न, ३ धूम, २ सप्तमी १४३ | १ | २ रत्न, १ तम, ३ सप्तमी हिवं रत्न धूम थी २ भांगा पंचम विकल्प करि कहै छै - हिवै रत्न तम थी १ भांगो चतुर्थ विकल करि कहै छै १४४ | १ | १ रत्न, ३ तम, २ सप्तमी १२६ | १ | २ रत्न, २ धूम, २ तम १३० २ २ रत्न, २ धूम, २ सप्तमी हिवै रत्न तम थी १ भांगो पंचम विकल्प करि कहै छै-- हिवै रा धूम थी २ भांगा षष्ठ विकल्प करि कहै छ ----- १४५ , १ २ रत्न, २ तम, २ सप्तमी १३१ १ | ३ रत्न, १ धूम, २ तम हिवै रत्न तम थी १ भांगो षष्ठ विकल्प करि कहै छै १३२ | २, ३ रत्न, १ धूम, २ सप्तमी ३ रत्न, १ तम, २ सप्तमी १२६ भगवती-जोड़ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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