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________________ हिवै रत्त वालुक थी ४ भांगा नवम विकल्प करि कहै छ हिवै रत्न पंक थी ३ भांगा चतुर्थ विकल्प करि कहै छ ३ रत्न, २ वालु, १ पंक १ रत्न, ३ पंक, २ धूम D ३ रत्न, २ वालु, १ धूम १ रत्न, ३ पंक, २ तम ३ रत्न, २ वालु, १ तम ०२ | ३ | १ रत्न, ३ पंक, २ सप्तमी ur ३ रत्त, २ वालु, १ सप्तमों हिवं रत्न पंक थी ३ भांगा पंचम विकल्प करि कहै छै हिवं रत बालुक थी ४ भांगा दशम विकल्प करि कहै छ १०३ | १ १०४ २ २ रत्न, २ पंक, २ धूम २ रत्न, २ पंक, २ तम ४ रत्न, १ बालु, १ पंक ४ रत्न, १ वालु, १ धूम ३ | २ रत्न, २ पंक, २ सप्तमी ४ रत्न, १ वालु, १ तम हिवै रत्न पंक थी ३ भांगा षष्ठ विकल्प करि कहै छ ४ रत्न, १ वालु, १ सप्तमी ३ रत्न, १ पंक, २ धूम ३ रत्न, १ पंक, २ तम ए रत्न वालुक थी ४ भांगा, ते दश विकल्प करि ४० भांगा कह्या। रल पंक थी ३ भांगा दश विकल्प करि ३० भांगा। हिवं रत्न पंक थी ३ भांगा प्रथम विकल्प करि कहै छै ३ रत्न, १ पंक, २ सप्तमी हिवं रत्न पंक थी ३ भांगा सप्तम विकल्प करि कहै छ १ रत्न, १ पंक, ४ धूम ०६ १ | १ रत्न, ४ पंक, १ धूम १ रत्त, १ पंक, ४ तम ११० | २ | १ रत्न, ४ पंक, १ तम १ रन, १ पंक, ४ सप्तमी १ रत्न, ४ पंक, १ सप्तमी हिवं रत पंक थी ३ भांगा द्वितीय विकल्प करि कहै छ १ रत, २ पंक, ३ धूम हिवै रत पंक थी ३ भांगा अष्टम विकल्प करि कहै छ११२ | १ | २ रत्न, ३ पंक, १ धूम २ रत्न, ३ पंक, १ तम १ रत्न, २ पंक, ३ तम ६६ ३ | १ रत्न, २ पंक, ३ सप्तमी २ रत्न, ३ पंक, १ सप्तमी हिवरल गंक थी ३ भांगा तृतीय विकल करि कहै छ हिवं रन पंक थी ३ भांगा नवम विकल्प करि कहै छ ६७ २ रत्न, १ पंक, ३ धूम ११५ १ ३ रत्न, २ पंक, १ धूम २ रत्न, १ पंक, ३ तम ३ रत्न, २ पंक, १ तम २ रत्न, १ पंक, ३ सप्तमी १७ ३ रत्न, २ पंक, १ सप्तमी श०६, उ० ३२, ढाल १८२ १२५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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