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________________ हिवै सक्कर वालु थी ४ भांगा नवम विकल्प करि कहै छ हिवै सक्कर पंक थी ३ भांगा चतुर्थ विकल्प करि कहै छ १८३ ३ सक्कर, २ वालु, १ पंक १ सक्कर, ३ पंक, २ धूम १८४ ३ सक्कर, २ वालु, १ धूम १ सक्कर, ३ पंक, २ तम १८५ ३ सक्कर, २ वालु, १ तम १ सक्कर, ३ पंक, २ सप्तमी ३ सक्कर, २ वालु, १ सप्तमी हिवै सक्कर पंक थी ३ भांगा पंचम विकल्प करि कहै छै हिवै सक्कर बालु थी ४ भांगा दशम विकल्प करि कहै छै - २०३ | १ | २ सककर, २ पंक, २ धूम ४ सक्कर, १ वालु, १ पंक २ सक्कर, २ पंक, २ तम ४ सक्कर, १ वालु, १ धूम २०५ ३ २ सक्कर, २ पंक, २ सप्तमी १८६ ३ | ४ सक्कर, १ वालु, १ तम हिवै सक्कर पंक थी ३ भांगा छठे विकल्प करि कहै छै ४ | ४ सक्कर, १ वालु, १ सप्तमी २०६ ३ सक्कर, १ पंक, २ धूम हिवै सक्कर पंक थी प्रथम विकल्प करि ३ भांगा कहै छ २०७ ३ सक्कर, १ पंक, २ तम ६१ १ १ सक्कर, १ पंक, ४ धूम ३ सक्कर, १ पंक, २ सप्तमी १ सक्कर, १ पंक, ४ तम हिव सक्कर पंक थी ३ भांगा सप्तम विकल्प करि कहै छ ३ | १ सक्कर, १ पंक, ४ सप्तमी १ सक्कर, ४ पंक, १ धूम हिवै सक्कर पंक थी ३ भांगा द्वितीय विकल्प करि कहै छै २१० २ १ सक्कर, ४ पंक, १ तम ६४ | १ | १ सक्कर, २ पंक, ३ धूम १ सक्कर, ४ पंक, १ सप्तमी १ सक्कर, २ पंक, ३ तम हिवै सक्कर पंक थी ३ भांगा अष्टम विकल्प करि कहै छ १ सक्कर, २ पंक, ३ सप्तमी सक्कर, ३ पंक, १ धूम हिवै सक्कर पंक थी ३ भांगा तृतीय विकल्प करि कहै छ २ सक्कर, ३ पंक, १ तम १६७ २ सक्कर, १ पंक, ३ धूम २ सक्कर, ३ पंक, १ सप्तमी हिवै सक्कर पंक थी ३ भांगा नवम विकल्प करि कहै छ २ सक्कर, १ पंक, ३ तम १९८ ३ सक्कर, २ पंक, १ धूम १९९| ३ | २ सक्कर, १ पंक, ३ सप्तमी ३ सक्कर, २ पंक, १ तम ३ सक्कर, २ पंक, १ सप्तमी १२८ भगवती-जोड़ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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