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________________ १६. अथवा दोय रत्न बे सक्कर, दोय वालुका होय । अथवा दोय रत्न बे सक्कर, दोय पंक अवलोय ।। १७. अथवा दोय रत्न बे सक्कर, दोय धूम रै माय । अथवा दोय रत्न बे सक्कर, दोय तमा दुख पाय ।। १८. अथवा दोय रत्न बे सक्कर, दोय सप्तमी होय । रत्न सक्कर थी ए पंच भंगा, पंचम विकल्प जोय ॥ १६. अथवा तीन रत्न इक सक्कर, दोय वालुका होय। अथवा तीन रत्न इक सक्कर, दोय पंक अवलोय ।। २०. अथवा तीन रत्न इक सक्कर, दोय धूम रै माय । अथवा तीन रत्न इक सक्कर, दोय तमा दुख पाय ।। २१. अथवा तीन रत्न इक सक्कर, दोय सप्तमी होय । रत्न सक्कर थी ए पंच भंगा, षष्टम विकल्प जोय ॥ २२. अथवा एक रत्न चिउं सक्कर, एक वालुका होय । अथवा एक रत्न चिउं सक्कर, एक पंक अवलोय ।। २३. अथवा एक रत्न चिउं सक्कर, एक धूम रै माय । अथवा एक रत्न चिउं सक्कर, एक तमा दुख पाय ॥ २४. अथवा एक रत्न चिउं सक्कर, एक सप्तमी होय । रत्न सक्कर थी ए पंच भंगा, सप्तम विकल्प जोय ।। २५. अथवा दोय रत्न त्रिण सक्कर, एक वालुका होय । अथवा दोय रत्न त्रिण सक्कर, एक पंक अवलोय ।। २६. अथवा दोय रत्न त्रिण सक्कर, एक धूम रै माय । अथवा दोय रत्न त्रिण सक्कर, एक तमा दुख पाय ।। २७. अथवा दोय रत्न त्रिण सक्कर, एक सप्तमी होय । रत्न सक्कर थी ए पंच भंगा, अष्टम विकल्प जोय ।। २८. अथवा तीन रत्न बे सक्कर, एक वालुका होय । अथवा तीन रत्न बे सक्कर, एक पंक अवलोय ।। २६. अथना तीन रत्न बे सक्कर, एक धूम रै मांय । अथवा तीन रत्न बे सक्कर, एक तमा कहिवाय ।। ३०. अथवा तीन रत्न बे सक्कर, एक सप्तमी होय । रत्न सक्कर थी ए पंच भंगा, नवमें विकल्प जोय । ३१. अथवा च्यार रत्न इक सक्कर, एक वालुका जान । अथवा च्यार रत्न इक सक्कर, एक पंक अघखान ॥ ३२. अथवा च्यार रत्न इक सक्कर, एक धूम रै माय । अथवा च्यार रत्न इक सक्कर, एक तमा कहिवाय ॥ ३३. अथवा च्यार रत्न इक सक्कर, एक सप्तमी मांय । रत्न सक्कर थी ए पंच भंगा, दशमें विकल्प थाय ।। ए रत्न सक्कर थी ५ भांगा १० विकल करि ५० भांगा कह्या । हिवै रत्न वालुक थी ४ भांगा दश विकल करि ४० भांगा कहै छ हिवै प्रथम विकल्प करि ४ भांगा कहै छै३४. अथवा एक रत्न इक वालुक, च्यार पंक उपजंत । जाव तथा इक रत्न वालु इक, च्यार तमतमा हुंत ।। ११४ भगवती-जोड़ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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