SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 131
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ हि द्वितीय विकल्प करि ४ भांगा कहै छै - ३५. अथवा एक रत्न बे वालुक, जाव तथा इक रत्न बालु बे, हिवै तृतीय विकल्प करि ४ भांगा ३६. अथवा दोय रत्न इक वालुक, जाव तथा बे रत्न वालु इक, हिव चतुर्थ विकल्प करि ४ भांगा कहै छै - ३७. अथवा एक रत्न त्रिण वालुक, जाव तथा इक रत्न वालु त्रिण, हि पंचम विकल्प करि ४ भांगा कहै छै - तीन पंक उपजंत । तीन तमतमा हुंत ॥ कहै छै - तीन पंक अघखान । तीन तमतमा जान ॥ ३८. अथवा दोष रत्न वालु वे , जाव तथा बे रत्न वालु बे, हि षष्टम विकल्प करि ४ भांगा कहै छै - दो पंक दुख पूर दोय तमतमा भर ॥ दोय पंक पहिछान दोय तमतमा जान ॥ ३६. अथवा तीन रत्न इक वालुक, दोय पंक दुख रास । जाव तथा त्रिण रत्न वालु इक, दोय तमतमा तास ॥ हिवै सप्तम विकल्प करि ४ भांगा कहै छै - एक पंक अवलोय | एक तमतमा होय ॥ - ४०. अथवा एक रत्न चिउं वालुक, जाव तथा इक रत्न वालु चिउं, हि अष्टम विकल्प करि ४ भांगा कहै ४१. अथवा दोय रत्न त्रिण वालु, एक पंक दुख धाम । जा तथा बे रत्न वालु त्रिण, एक तमतमा पाम ॥ हि नवम विकल्प करि ४ भांगा कहै छै - ४२. अथवा तीन रन वे वालुक, एक पंक कहिवाय । जाव तथा त्रिरत्न वालुक बे, एक सप्तमी जाय ॥ वि दशम विकल्प करि ४ भांगा कहै छै - Jain Education International ४३. अथवा च्यार रत्न इक वालुक, एक पंक में पेख । जाव तथा चिउं रत्न वालु इक एक सप्तमी लेख || ए रत्न वालुक थी ४ भांगा दश विकल्प करि ४० भांगा कह्या । हिवै रत्न पंक थी ३ भांगा दश विकल्प करि ३० भांगा । हि प्रथम विकल्प करि २ भांगा कहै - ४४. अथवा एक रत्न इक पंके, च्यार धूम उपजंत । जाव तथा इक रत्न पंक इक, च्यार तमतमा हुंत ॥ हि द्वितीय विकल्प करि ३ भांगा ४५. अथवा एक रत्न बे पंके, जाव तथा इक रत्न पंक बे, हि तृतीय विकल्प करि ३ भांगा ४६. अथवा दोय रत्न इक पंके, जाव तथा दोय रत्न पंक इक, कहै छै- तीन धूम रे मांय । तीन तमतमा पाय ॥ कहै छै - तीन धूम अघखान । तीन तमतमा जान ॥ For Private & Personal Use Only श० ६, उ० ३२, ढाल १५२ ११५ www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy