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________________ हिवै पंक थी ३ भांगा दूज विकल्प करि कहै छै हिवं धूम थी २ भांगा तीजै विकल्प करि कहै छ ---- २ पंक, ४ धूम ६५ १ ३ धूम, ३ तम २पंक, ४ तम ६६. २ ३ धूम, ३ सप्तमी हिवै धूम थी २ भांगा चउथे विकल्प करि कहै छ --- ८१ ३ २ पंक, ४ सप्तमी हिवं पंक थी ३ भांगा तीज विकल्प करि कहै छ - ४ धूम, २ तम १८ ३ पंक, ३ धूम ४ धूम, २ सप्तमी ३ पंक, ३ तम हिवै धूम थी २ भांगा पंचमें विकल्प करि कहै छ .... r . | ३ | ३ पंक, ३ सप्तमी ५ धूम, १ तम हिवै पंक थी ३ भांगा चउथे विकल्प करि कहै छ... ५ धूम, १ सप्तमी १ | ४ पंक, २ धूम एवं धूम थी २ भांगा पंच विकल्प करि १० भांगा कह्या । हिव तम थी १ भांगो प्रथम विकल्प करि कहै छै --- | ८६ २ ४ पंक, २ तम तम, ५ सप्तमी ८७ ३ ४ पंक, २ सप्तमी हिवै तम थी १ भांगो दूज विकल्प करि कहै छै-- हिवं पंक थी ३ भांगा पंचमें विकल्प करि कहै छै ०२ | १ | २ तम, ४ सप्तमी ५ पंक, १ धूम हिवै तभ थी १ भागो तीजै विकला करि कहै छ---- ५पंक, १ तम १०३ | १ | ३ तम, ३ सप्तमी ६० ३ ५ पंक, १ सप्तमी हिवं तम थी १ भांगो चउथे विकल्प करि कहै छ ए पंक थी ३ विकल्प करि १५ भांगा कह्या । हिवं धूम थी २ भांगा प्रथम विकल्प करि कहै छ... १०४ | १ | ४ तम, २ सप्तमी १ धूम, ५ तम हिवं तम थी १ भांगो पंचमें विकल्प करि कहै छ ०५ ६२ २ १ धूम, ५ सप्तमी ५ तम, १ सप्तमी हिवं धूम थी २ भांगा दूजे विकल्प करि कहै छ एवं ६ जीव नां द्विकसंजोगीया भांगा २१ पंच विकल्प करि १०५ भांगा कह्या। | १ | २ धूम, ४ तम ६४ | २ | २ धूम, ४ सप्तमी ३३. नवम बत्तीसम देश ए, ढाल इकसौ इक्यासी। भिक्ष भारोमाल ऋषिराय थी, 'जय-जश' परम हुलासी॥ * लय : बात म काढो बरत नी ११२ भगवती-जोड़ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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